पटना: लंबे समय से अपने तबादले का इंतजार कर रहे बिहार के लाखों शिक्षकों के लिए चौंकाने वाली खबर है. बता दें कि शिक्षकों के तबादले में देरी हो सकती है. शिक्षकों के तबादले के लिए राज्य सरकार की ओर से बनाई जा रही नीति पर अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. इसमें संशोधन […]
पटना: लंबे समय से अपने तबादले का इंतजार कर रहे बिहार के लाखों शिक्षकों के लिए चौंकाने वाली खबर है. बता दें कि शिक्षकों के तबादले में देरी हो सकती है. शिक्षकों के तबादले के लिए राज्य सरकार की ओर से बनाई जा रही नीति पर अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. इसमें संशोधन को लेकर चर्चा चल रही है.
बता दें कि कुछ समय पहले बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा था कि शिक्षकों की नई ट्रांसफर नीति इसी माह सितंबर में आ जाएगी. जिसके बाद शिक्षकों में उम्मीद जगी थी कि अगले माह से तबादले भी शुरू होने शुरू हो जाएंगे.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, शिक्षकों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के साथ-साथ अनुकंपा नियुक्ति के लिए नीति बनाने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा 2 जुलाई 2024 को एक समिति का गठन किया गया था. समिति के गठन को लेकर जारी पत्र में कहा गया है कि समिति 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट देगी, जिसके आधार पर विभाग निर्णय लेगा. कमेटी बने ढाई माह हो गए, लेकिन अभी तक रिपोर्ट नहीं आई है। इससे साफ है कि शिक्षकों के तबादले के साथ-साथ अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति में भी देरी होगी.
बता दें कि शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव की अध्यक्षता में यह कमेटी बनाई गई है. इसमें माध्यमिक एवं प्राथमिक शिक्षा निदेशक को भी शामिल किया गया है। दोनों मामलों के लिए एक मसौदा नीति तैयार की गई है और वर्तमान में संशोधन पर विचार किया जा रहा है। शायद यही वजह रही होगी कि कमेटी अब तक अंतिम नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है.
शिक्षक दिवस के मौके पर शिक्षा मंत्री ने ऐलान किया कि शिक्षकों के तबादले के लिए एक उदार नीति तैयार की जा रही है. इस संबंध में विभागीय अधिकारी का कहना है कि स्थानांतरण नीति को अंतिम रूप देने के लिए तेजी से कार्रवाई की गई है. इसके बाद विभागाध्यक्ष और मंत्री की मंजूरी के बाद नीति को कैबिनेट से मंजूरी मिल जाएगी. फिर इसी आधार पर शिक्षकों की पोस्टिंग और ट्रांसफर की जाएगी. साथ ही अनुकंपा के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता भी साफ हो जाएगा.