पटना: तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों की कथित तौर पर पिटाई का फ़र्ज़ी वीडियो फैलाने के आरोप में जेल में बंद मनीष कश्यप को आज यानी कि (10 मार्च) को भी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से रहत नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट में इस केस की सुनवाई के लिए जस्टिस कृष्ण मुरारी (Justice Krishna Murari) और जस्टिस […]
पटना: तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों की कथित तौर पर पिटाई का फ़र्ज़ी वीडियो फैलाने के आरोप में जेल में बंद मनीष कश्यप को आज यानी कि (10 मार्च) को भी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से रहत नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट में इस केस की सुनवाई के लिए जस्टिस कृष्ण मुरारी (Justice Krishna Murari) और जस्टिस संजय करोल (Justice Sanjay Karol) की पीठ को कोर्ट नंबर 13 में सूचीबद्ध किया गया था। और मनीष कश्यप के मामले की सुनवाई के लिए 10 अप्रैल की तारीख तय की गयी थी।
मनीष कश्यप का केस जिसका नंबर 63 है, जिसकी सुनवाई आज सुप्रीम कोर्ट में होने वाली थी। उसकी सुनवाई इस वजह से नहीं हो पायी की भोजनावकाश तक कुल 43 कैसे की ही सुनवाई हो पायी, और इस दौरान मनीष कश्यप के केस का नंबर ही नहीं आया, वही जब लंच ख़त्म हुआ तो मनीष के केस की सुनवाई करने वाले दोनों जज जस्टिस संजय करोल (Justice Sanjay Karol) और जस्टिस कृष्ण मुरारी (Justice Krishna Murari) किसी और मामले की सुनवाई करने के लिए किसी और कोर्ट में चले गए जिसकी वजह से मनीष के केस की सुनवाई नहीं हो पायी। अब आगे इस केस की सुनवाई तभी होगी जब फिर से इसे सूचीबद्ध कर अगली तारीख मिलेगी।
आपको बता दें कि मनीष कश्यप के तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पिछले गुरुवार को याचिका दायर की गयी थी। जिसमे याचिकाकर्ता के वकील अंतरिम राहत के लिए अदालत से गुहार लगायी थी और इसके साथ मनीष के वकील ने कोर्ट से मांग की थी की तमिलनाडु प्रकरण में उनके खिलाफ चल रहे सभी मामले को एक जगह क्लब किया जाए और कश्यप पर लगे एनएसए (NSA) को भी हटा दिया जाए। वहीँ इस पर तमिलनाडु राज्य की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े और अमित आनंद तिवारी ने इसका विरोध किया था और अधिवक्ता हेगड़े ने इस पर कहा कि मनीष न्यायिक आदेश से ही हिरासत में हैं और यह अवैध हिरासत का मामला बिलकुल भी नहीं है. जिसके बाद पीठ ने कहा था कि जब वह हिरासत में है, तो उन्हें अंतरिम राहत नहीं दिया जा सकता है. जिसके बाद जस्टिस चंद्रचूड़ ने मामले की सुनवाई करते हुए राहत देने से इनकार कर दिया था और सुनवाई की तारीख 10 अप्रैल दे दी थी.