पटना। बिहार में बारिश का दौर अब थमने का नाम नहीं ले रही है। मानसून में कमजोरी आने से लोगों को फिर से उमस का एहसास हो रहा है। पिछले दिनों हुई बारिश के प्रभाव में कमी देखने को मिली है। एकतरफ जहां गर्मी से लोगों को राहत मिली तो वहीं दूसरी ओर से नदियों […]
पटना। बिहार में बारिश का दौर अब थमने का नाम नहीं ले रही है। मानसून में कमजोरी आने से लोगों को फिर से उमस का एहसास हो रहा है। पिछले दिनों हुई बारिश के प्रभाव में कमी देखने को मिली है। एकतरफ जहां गर्मी से लोगों को राहत मिली तो वहीं दूसरी ओर से नदियों में आए उफान ने कई इलाकों में बाढ़ का संकट मंडरा रहा है।
किसानों को बारिश से फायदा हुआ। वहीं बाढ़ पीड़ितों की समस्या बढ़ने लगी है। कोसी-सीमांचल के जिलों में बाढ़ का संकट बढ़ रहा है। वहीं भागलपुर व आसपास के जिलों में बारिश को लेकर मौसम विभाग ने बड़ी जानकारी दे दी है। भारत मौसम वैज्ञानिक के मुताबिक देश में 1 जून से 30 सितंबर तक की अवधि में मानसून सक्रिय बना रहता है। पिछले साल मानसून केरल तट पर 31 मई तक पहुंचेगा।
इसके बाद बंगाल की खाड़ी व नॉर्थइस्ट होकर मानसून 27 जून को भागलपुर पहुंचा था। 107 दिनों तक जिले में मानसून की सक्रियता में कमी आई है। मानसून के भागलपुर जिले से विदाई की तारीख 10 अक्टूबर बताई जा रही है। वहीं साल 2023 में भागलपुर से मानसून 13 अक्टूबर तक लौटा था। बीएयू सबौर के ग्रामीण कृषि मौसम सेवा की वैज्ञानिक डॉ नेहा पारिक ने बताया कि इस साल अब तक जिले में 26 फीसदी से कम बारिश बताई गई है।
1 जून से 30 सितंबर तक जिले में 717.5 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है। वहीं 970.2 मिमी बारिश होनी चाहिए थी। केवल सितंबर के महीने में 10 प्रतिशत से अधिक बारिश हुई। पिछले तीन महीने की कमी की भरपाई नहीं हो पाई है। जून से सितंबर तक कुल 252.7 मिमी कम बारिश का प्रभाव जिले में देखने को मिला है। जिले के 99 फीसदी खेतों में धान की रोपनी हो चुकी है। मानसून के लौटने में अभी से 10 से 12 दिन बाकी है।
इस अवधि में बारिश होने से आंकड़े में सुधार हो सकता है। साल 2023 में 1 से 10 अक्तूबर के बीच भागलपुर में 171 मिलीमीटर बारिश दर्ज हो गई है।