पटना। बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ ने नया फरमान जारी किया है। इस फरमान से सभी सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के बीच बवाल मच गया है। एस. सिद्धार्थ अब खुद प्रतिदिन राज्य के 10 स्कूलों के टीचरों से वीडियो कॉल पर बात करेंगे। जिसको लेकर उन्होंने अपना मोबाइल नंबर भी […]
पटना। बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ ने नया फरमान जारी किया है। इस फरमान से सभी सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के बीच बवाल मच गया है। एस. सिद्धार्थ अब खुद प्रतिदिन राज्य के 10 स्कूलों के टीचरों से वीडियो कॉल पर बात करेंगे। जिसको लेकर उन्होंने अपना मोबाइल नंबर भी जारी किया है।
वहीं अन्य जिलों में पदस्थापित शिक्षा विभाग के पदाधिकारी भी हर दिन स्कूल के टीचरों से बातचीत करेंगे और स्कूल की रिपोर्ट लेंगे। पूर्वी चंपारण के जिला शिक्षा पदाधिकारी की तरफ से भी गुरुवार एक पत्र जारी कर इसकी सूचना दी गई। जिसमें बताया गया है कि एसी एस की ओर से दिए गए निर्देश के तहत जिला स्तरीय पदाधिकारी वीडियो कॉल शिक्षकों की मौजदूगी और पढ़ाई की जानकारी लेंगे। इसके लिए जिले के 12 पदाधिकारियों को खास जिम्मेदारी दी गई है।
इन्हें हर दिन वीडियो कॉल कर स्कूल के शिक्षकों से बातचीत करनी होगी। जिसमें शिक्षकों उपस्थिति, पढ़ाई और छात्रों के बारे में जानकारी लेनी होगी। इन सभी शिक्षा पदाधिकारियों को औचक वीडियो कॉल कर कम से कम 10 स्कूलों से बात कर रिपोर्ट लेनी होगी। एसीएस एस. सिद्धार्थ की ओर से गुरुवार को पटना से वीडियो कॉल के जरिए सुपौल जिले के निर्मली प्रखंड स्थित उच्च मध्य विद्यालय हरिपुर के हेड मास्टर से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
इसे लेकर शिक्षा विभाग की तरफ से जारी स्पष्टीकरण में कहा गया है कि 12 दिसंबर को एसीएस के वीडियो कॉल और फिर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की जांच प्रतिवेदन के आधार पर कई तरह की कमियां पाई गई है। जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि स्कूल में टोटल 523 छात्र-छात्राओं की जगह केवल 116 छात्र ही स्कूल में उपस्थित थे। वहीं पिछले एक सप्ताह के दौरान 350 से ज्यादा बच्चों की उपस्थिति दर्ज थी।
ऐसे में इस बात की शंका जताई गई है कि उनकी ओर से छात्र-छात्राओं की असल मौजूदगी से तीन गुना से अधिक उपस्थिति दर्ज कर मध्याह्न भोजन योजना की राशि और खाद्यान्न का फायदा उठाया गया।