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Protest : नए परिवहन अधिनियम को लेकर कैमूर में भी हो रहा विरोध, चालकों ने किया हड़ताल

पटना। Hit एंड Run कानून में संशोधन के खिलाफ निजी बस और ट्रक चालकों ने विरोध जताना शुरू कर दिया है। बिहार के कई शहरों से विरोध-प्रदर्शन किए जाने की खबरें आ रही हैं। प्रदेश के नालंदा और समस्तीपुर जिले के बाद अब कैमूर से बस हड़ताल की खबर आई है। बस हड़ताल की वजह […]

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  • January 2, 2024 8:15 am IST, Updated 1 year ago

पटना। Hit एंड Run कानून में संशोधन के खिलाफ निजी बस और ट्रक चालकों ने विरोध जताना शुरू कर दिया है। बिहार के कई शहरों से विरोध-प्रदर्शन किए जाने की खबरें आ रही हैं। प्रदेश के नालंदा और समस्तीपुर जिले के बाद अब कैमूर से बस हड़ताल की खबर आई है। बस हड़ताल की वजह से आम यात्रियों को काफी दिक्कतें हो रही हैं और कुछ को तो अपना सफर छोड़ घर ही लौटना पड़ा। इसके चलते रोडवेज का संचालन भी पूरी तरह ठप हो गया है। इससे यात्री भटकने को मजबूर हैं।

केंद्र सरकार ड्राइवरों के साथ गलत कर रही है

वाहन चालक कमलेश पासवान और इस्राफील अली ने कहा कि कोई जरूरी नहीं कि हर वाहन के चालक जानबूझकर एक्सीडेंट करता है। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि लोग वाहन के सामने आ जाते हैं और एक्सीडेंट की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। उस स्थिति में जब ड्राइवर के साथ लोग मारपीट करते हैं, तो उनके लिए कोई सुरक्षा संबंधित नियम कानून नहीं बनाया गया और ड्राइवर पर ही जुर्माना और सजा का कानून बनाया गया है। यह सरकार ड्राइवरों के साथ गलत कर रही है। उसी कानून के विरोध में पूरे देश में बस की हड़ताल की गई है। ताकि सरकार हमारी बातों को अमल कर बनाए हुए कानून को वापस ले अन्यथा ऐसा नहीं होने पर आगे भी आंदोलन किया जाएगा।

यात्री अपना सफर छोड़ घर लौटने को मजबूर

जानकारी के मुताबिक, बस हड़ताल रहने से आने-जाने वाले यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कुछ यात्री ऐसे भी थे जो अपना सफर करने में सक्षम नहीं हुए तो वे अपने घर के लिए वापस लौट गए। परेशान यात्रियों ने बताया कि बस हड़ताल रहने पर काफी दिक्कतें आ रही हैं। इधर, ड्राइवर अपनी मांगों को पर अड़े हुए हैं और बस हड़ताल जारी है।

जानिए क्या होता है हिट एंड रन

बता दें कि हिट एंड रन का सीधा सा अर्थ है कि दुर्घटना के बाद ड्राइवर का गाड़ी के साथ मौके से भाग जाना। अगर किसी गाड़ी से किसी को टक्कर लग गई घायल की मदद करने के बजाय ड्राइवर गाड़ी को लेकर फरार हो जाता है तो ऐसे केस हिट एंड रन में गिने जाते हैं। हिट एंड रन के पुराने कानून के मुताबिक ऐसे मामलों में ड्राइवर को जमानत भी मिल जाती थी और अधिकतम 2 साल की सजा का प्रावधान था। कई बार हम देखते हैं कि दुर्घटना में घायल व्यक्ति को अगर एक्सीडेंट करने वाला समय पर अस्पताल पहुंचा देता है तो उसकी जान बच जाती है। हालांकि, एक्सीडेंट के बाद मौके से भागने के केस को हिट एंड रन कहा जाता है। ऐसी ही केस में सख्ती का प्रावधान किया गया है। केंद्र सरकार ने हाल ही में सड़क हादसों को रोकने के लिए हिट एंड रन कानून (Hit and Run Law) में बदलाव किया है। इस कानून के तहत हिट एंड रन मामले में चालकों के दोषी पाए जाने पर 10 साल का कारावास और 7 लाख रुपये जुर्माने के प्रावधान है। बस, ट्रक और ऑटो चालक इसी कानून के विरोध में हड़ताल पर उतर आए हैं।


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