पटना। बिहार के शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक पर पटना में लाठीचार्ज हुआ है। ये लोग अपनी मांगों को लेकर के सचिवालय गेट के पास विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। अपनी नौकरियो को पूर्णकालिक करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। साथ ही वेतन 8 हजार से 32 हजार करने की मांग कर थे। इस लाठीचार्ज में कई अभ्यर्थी घायल हो गए और महिलाओं को भी पुलिसकर्मियों द्वारा धक्का देते हुए देखा गया। प्रदर्शनकारियों ने स्पष्ट किया कि वे अपनी सेवा शर्तों और वेतन में सुधार के लिए अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे।
भीड़ नियंत्रण के लिए किया बल प्रयोग
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को पटना में सचिवालय गेट के समीप शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक संघ द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन का उद्देश्य सेवा शर्तों में सुधार करना और वेतन मान को बढ़ाना था। प्रदर्शन के दौरान पुलिस और अभ्यर्थियों के बीच झड़प हो गई। प्रदर्शन के दौरान स्थिति इतनी बिगड़ गई,कि पुलिस ने भीड़ पर काबू पाने के लिए बल प्रयोग किया और प्रदर्शन करने वाले अनुदेशकों पर लाठीचार्ज कर दिया। प्रदर्शन के दौरान हुए लाठीचार्ज से कई अभ्यर्थी घायल हो गए। घायलों में कई महिलाएं भी शामिल थीं। जिन्हें पुलिस द्वारा धकेलते हुए देखा गया है। इस घटना ने प्रशासन और प्रदर्शनकारियों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है।
वेतन में बढ़ोत्तरी के लिए प्रदर्शन
बिहार शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजेश कुमार पांडेय का कहना है कि वेतनमान में सुधार की मांग लंबे समय से की जा रही है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार द्वारा साल 2012 में शिक्षक नियोजन नियमावली के अंतर्गत STET 2019 का आयोजन किया गया था। जिसमें शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग में अनुदेशक की भर्ती के लिए परीक्षा हुई थी, लेकिन बहाली प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी और वेतन मान भी उचित नहीं है। डॉ. पांडेय ने बताया कि नियोजन नियमावली 2012 के तहत शिक्षकों के वेतन मान में प्राथमिक शिक्षकों के लिए 5000 राशि माध्यमिक शिक्षकों के लिए 6000 की राशि और शारीरिक शिक्षा अनुदेशक का वेतन 4000 की राशि निश्चित की गई थी। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में उनका वेतन 8000 रुपए निर्धारित किया गया है, जो कि बहुत कम है और इसमें सुधार की जरुरत है।