पटना। बिहार की राजधानी पटना में एक सीक्रेट लोकेशन पर चोरी-छिपे एक ऐसा काम चल रहा था, जिसकी तस्वीर देखकर पटना पुलिस भी हैरात में पड़ गई। दरअसल राजधानी पटना में नकली किताब छापने के गोरखधंधे का एक बड़ा मामला सामने आया है। पटना पुलिस ने प्रिंटिंग प्रेसों पर छापेमारी कर इस बड़े मामले का […]
पटना। बिहार की राजधानी पटना में एक सीक्रेट लोकेशन पर चोरी-छिपे एक ऐसा काम चल रहा था, जिसकी तस्वीर देखकर पटना पुलिस भी हैरात में पड़ गई। दरअसल राजधानी पटना में नकली किताब छापने के गोरखधंधे का एक बड़ा मामला सामने आया है। पटना पुलिस ने प्रिंटिंग प्रेसों पर छापेमारी कर इस बड़े मामले का खुलासा किया है. मिली जानकारी के अनुसार रामकृष्ण नगर थाना क्षेत्र के जकरियापुर में 3 और बाइपास थाना क्षेत्र में दो प्रिंटिंग प्रेस में छापेमारी की गई है।प्रिंटिंग प्रेस के अंदर से अलग-अलग ब्रांड की नकली किताबें बरामद की गई है. इनमें सबसे ज्यादा CBSC और NCERT की किताबें बरामद की गई है। दरअसल अप्रैल महीने में ही स्कूलों में नया सत्र शुरू होता और स्कूलों में बच्चों को नई किताबें दी जाती हैं। ऐसे में यह सभी किताबें 2 दिन बाद बाजार में निकाल दी जाती। कक्षा 6 से लेकर 8 तक की इन किताबों की कीमत 15 से 20 करोड़ रुपए के करीब बताई जा रही है।
फिलहाल पुलिस ने सभी प्रिंटिंग प्रेसों पर झापेमारी की है। पुलिस के मुताबिक पटना में इससे ज्यादा नकली किताबें कभी भी एक साथ बरामद नहीं की गई थी. पुलिस ने इसके मुख्य सरगना राकेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया है. बताया जाता है कि नामी पब्लिकेशंस के अधिकारियों ने नकली किताबों के छापे जाने की जानकारी पटना के सिटी एसपी ईस्ट भारत सोनी को दी. इसके बाद पटना सिटी के एसपी ने दोनों संबंधित थाना प्रभारी को छापेमारी का निर्देश दिया. इसके बाद पुलिस ने छापेमारी कर करोड़ों की नकली किताबें बरामद की है.
पटना सिटी एसपी ने दोनों संबंधित थाना प्रभारी को छापेमारी का निर्देश दिया इसके बाद पुलिस ने छापेमारी कर करोड़ों की नकली किताबें बरामद की है. पुलिस अधिकारियों की माने तो 5 प्रिंटिंग प्रेस में जहां छापेमारी की गई है. उन सभी से NCERT CBSE भारती भवन एस चंद राजकमल समेत लगभग एक दर्जन प्रशासन की पुस्तक जब्त की गई है. इस प्रिंटिंग प्रेस में प्रिंटिंग मशीन वाइंडिंग मशीन लेवलकटर के साथ गोदाम भी बनाया गया था। इन पांचो में 3 में केवल NCERT और सीबीएसई की किताबें जब्त की गई है.
बता दें, गिरफ्तार किए गए सरगना राकेश कुमार के ठिकानों पर 2020 में भी छापेमारी हुई थी. उस समय इसके ठिकानों पर लगभग 9 करोड़ के नकली किताबे जप्त की गई थी। उस समय गिरफ्तारी के बाद आरोपी जेल भी गया था। लेकिन, फिर 6 महीने के बाद आरोपी राकेश को बेल मिल गया और वह बाहर आ गया। उसके खिलाफ अभी भी न्यायालय में केस चल रहा है। राकेश में जेल से बाहर आने के बाद फिर से यही धंधा अपना लिया। दरअसल पटना में सबसे ज्यादा CBSC और NCERT की किताबें पढ़ी और पढ़ाई जाती हैं। लेकिन, इन किताबों का बाजार से गायब हो जाना कई सवाल खड़े करता है। पटना में नामी गिरामी प्रकाशनों के किताबों की मांग भी बहुत होती है। लेकिन दुकानों में कक्षा 6 से 8 तक की किताबें नहीं मिल पा रही हैं गार्जियन जगह-जगह भटक रहे हैं. इस समय अगर बाजार में नकली किताबें आ जाती है तो सारी किताबें हाथों-हाथ बिक जाने का अंदेशा रहता है.