पटना। नीतीश कुमार सीएम पद का इस्तीफा राज्यपाल को सौपा है जिसके बाद नीतीश कुमार आज बीजेपी के सहयोग से सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। बता दें नई सरकार में जीतन राम मांझी की पार्टी हम भी शामिल होगी। नीतीश ने दिया इस्तीफा बिहार में सियासी उलटफेर की अटकल बाजी सहीं साबित हुईं। नीतीश […]
पटना। नीतीश कुमार सीएम पद का इस्तीफा राज्यपाल को सौपा है जिसके बाद नीतीश कुमार आज बीजेपी के सहयोग से सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। बता दें नई सरकार में जीतन राम मांझी की पार्टी हम भी शामिल होगी।
बिहार में सियासी उलटफेर की अटकल बाजी सहीं साबित हुईं। नीतीश कुमार ने रविवार सुबह वही किया, जिसका पिछले दिनों से अंदाजा लगाया जा रहा था। रविवार सुबह उन्होंने राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर को इस्तीफा सौंप दिया। उन्होंने राज्यपाल को बताया कि वे महागठबंधन से अलग होने का फैसला कर चुके हैं।
JDU का भाजपा से गठबंधन तय है। नीतीश कुमार ने राज्यपाल को भाजपा के समर्थन का पत्र सौंप दिया है। राज्यपाल ने समर्थन पत्र स्वीकार कर लिया है। इसके बाद साफ हो गया है कि बिहार में नीतीश कुमार एक बार फिर बीजेपी के समर्थन में सरकार बनाएंगे। विधानसभा में जदयू के 45, भाजपा के 78 और हम के 4 विधायक हैं। 243 सदस्यीय विधानसभा में तीनों दलों को मिलाकर यह आंकड़ा 127 होता है, जो बहुमत के 122 के आंकड़े से पांच ज्यादा है। उधर, नजरें राजद और खासकर लालू प्रसाद और तेजस्वी के बयानों पर रहेंगी। अतीत में जब नीतीश ने राजद से नाता तोड़ा था, तब आपसी तल्खी चरम पर पहुंच गई थी।
नीतीश कुमार ने वर्ष 1994 में पाला बदला
1974 में छात्र राजनीति के जरिए पॉलिटिक्स में एंट्री मारने वाले नीतीश कुमार अब तक 9 बार पाला बदल चुके हैं.बता दें 1994 में नीतीश जनता दल का हिस्सा थे। जनता दल से निकलने के बाद नीतीश ने 1994 में जॉर्ज फर्नांडीस, ललन सिंह के साथ मिलकर समता पार्टी बनाई और 1995 का विधानसभा चुनाव वामदलों के साथ मिलकर लड़ा।
1996 में दूसरी बार पलटे
इस दौरान जब समता पार्टी को सफलता नहीं मिली, तो उन्होंने वामदलों के साथ अपना गठबंधन तोड़ लिया और एनडीए के साथ आ गए। इस तरह से 1996 में नीतीश कुमार ने दूसरी बार पलटी मारी। नीतीश कुमार का एनडीए के साथ यह सफर साल 2010 तक चला।
2014 को लोकसभा चुनाव अकेले लड़ा
नरेंद्र मोदी को पीएम फेस के रूप में आगे बढ़ाया गया तो नीतीश कुमार NDA से अलग हो गए और 2014 का लोकसभा चुनाव अकेले लड़ा। इस दौरान नीतीश कुमार को दो सीटों पर जीत मिली थी।
2015 में महागठबंधन के साथ लड़ा चुनाव
नीतीश कुमार ने महागठबंधन के साथ 2015 का विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत दर्ज कराई। इस दौरान नीतीश कुमार बिहार के सीएम तो तेजस्वी यादव उप मुख्यमंत्री बने थे। इसके बाद तेजस्वी यादव का नाम जब IRCTC घोटाले में आया तो नीतीश कुमार ने चौथी बार पलटी मारते हुए भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर सरकार बना ली
2020 में रहा था रिजल्ट
2020 विधानसभा चुनाव में एनडीए को 125, महागठबंधन को 110 और एआईएमआईएम, बसपा व दूसरे दलों को 8 सीटें मिली है। बता दें कि उस समय नीतीश कुमार एनडीए के साथ थे।
2022 में 5 वीं बार मारी पलटी
2022 में नीतीश कुमार ने एक बार फिर पाला बदला और महागठबंधन के साथ आ गए। यह पांचवीं बार था जब नीतीश कुमार एक पार्टी को छोड़ दूसरी पार्टी में आए।
फिर पलटे नीतीश
बता दे 2022 में महागठबंधन में आने वाले नीतीश का एक-डेढ़ साल के भीतर ही क्यों इससे मोहभंग हो गया है। अब नीतीश कुमार का मन फिर से बदल गया है और अब फिर से बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने की कवायद में है। बता दे नीतीश कुमार ने नौ बार पाला बदलते हुए एक बार फिर इस्तीफा सौपा है।
तीसरी बार भाजपा के साथ
चार बजे ले सकते है शपथ
मीडिया रिपोर्टस की माने तो नीतीश कुमार आज 4 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते है।