पटना। मकर संक्रांति के मौके पर 15 जनवरी को राबड़ी आवास पर सबसे बड़े सियासी भोज का आयोजन किया गया। दही-चूड़ा के इस भोज में सीएम नीतीश कुमार, जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और विजय चौधरी जैसे नेता शामिल हुए। सीएम नीतीश अपने आवास से पैदल ही राबड़ी आवास तक पहुंचे। इस दौरान […]
पटना। मकर संक्रांति के मौके पर 15 जनवरी को राबड़ी आवास पर सबसे बड़े सियासी भोज का आयोजन किया गया। दही-चूड़ा के इस भोज में सीएम नीतीश कुमार, जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और विजय चौधरी जैसे नेता शामिल हुए। सीएम नीतीश अपने आवास से पैदल ही राबड़ी आवास तक पहुंचे। इस दौरान नीतीश कुमार सिर्फ 10 मिनट ही वहां रुके और फिर चले गए। इस भोज के साथ भी राजनीति होने लगी है।
वहीं हर बार की तरह राजद प्रमुख लालू यादव ने इस बार भी सीएम नीतीश कुमार को दही का तिलक नहीं लगाया। डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव नीतीश कुमार को रिसीव करने गेट से आये और फिर भोज के बाद छोड़ दिया। सीएम नीतीश कुमार लालू यादव के यहां पीछे के गेट से गए और पीछे के गेट से ही निकल गए।
सीएम नीतीश की पीछे के गेट से एंट्री को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। नीतीश के मन में कुछ चल रहा है। क्या वो इंडिया गठबंधन से नाराज हैं? तरह-तरह की चर्चा होने लगी है। सियासी गलियारों में इस बात की हलचल है कि नीतीश कुमार मकर संक्रांति के बाद कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। सीट शेयरिंग और पीएम कैंडिडेट को लेकर फंसे पेंच की वजह से नीतीश नाराज बताये जा रहे हैं।