Mistake: गलत घर में घुसकर छापेमारी करना पुलिस को पड़ा भारी, लिखित में दिया माफीनामा

पटना। बिहार के पूर्णिया जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां पूर्णिया पहुंची दिल्ली पुलिस से एक बड़ी गलती हो गई है। दिल्ली पुलिस जिसे पकड़ने आई थी उसे छोड़कर दूसरे को पकड़ लाई। जिसके बाद पीड़ित ने शोर मचाया तो आस-पड़ोस के मोहल्ले वाले वहां इकट्ठा हो गए। सभी […]

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Mistake: गलत घर में घुसकर छापेमारी करना पुलिस को पड़ा भारी, लिखित में दिया माफीनामा

Pooja Pal

  • August 30, 2024 4:15 am IST, Updated 3 months ago

पटना। बिहार के पूर्णिया जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां पूर्णिया पहुंची दिल्ली पुलिस से एक बड़ी गलती हो गई है। दिल्ली पुलिस जिसे पकड़ने आई थी उसे छोड़कर दूसरे को पकड़ लाई। जिसके बाद पीड़ित ने शोर मचाया तो आस-पड़ोस के मोहल्ले वाले वहां इकट्ठा हो गए। सभी पुलिसकर्मियों को बंधक बना लिया गया। घटना पूर्णिया जिले के कसबा थाना क्षेत्र के 3 पनिया गुदड़ी बाजार की है।

दुष्कर्म का मामला दर्ज किया

सहरसा जिले के स्थानीय निवासी विक्की उर्फ विक्की ठाकुर के ऊपर दिल्ली पीएस उत्तर थाने में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज किया गया। जिसके बाद दिल्ली पुलिस के ASI सुमित यादव और उनके सुरक्षाकर्मी आरोपी के घर छापेमारी करने के लिए पहुंचे, लेकिन आरोपी वहां मौजूद नहीं था। इसके बाद दिल्ली पुलिस को सूचना मिली कि वह वह अपने ससुराल पूर्णिया जिले के एक कस्बे में है। सूचना के मिलने के बाद दिल्ली पुलिस पूर्णिया के लिए निकली और वहां पहुंचकर आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए सहयोग मांगा

बिना महिला पुलिस के की छापेमारी

जिसके बाद कस्बा थाने के एक ASI और पुलिस ने आरोपी के ससुराल में छापेमारी की। जब छापेमारी की गई तब पुलिस सादे कपड़ों में थी। अचानक घर में बिना वर्दी के एक साथ इतने सारे लोगों के घुसने पर परिवार वाले डर गए। फिर भी परिवार वालों ने पुलिस को पकड़ना शुरू कर दिया। जिसके बाद एक व्यक्ति को पुलिस पकड़कर ले जाने लगी। घर की महिलाएं इस बात पर शोर मचाने लगी कि जिसके बाद मोहल्लेवासियों ने पुलिस को बंधक बना लिया।

परिवार वालों ने बनाया बंधक

पुलिस ने जब वारंट दिखाया तो पता चला कि वह पुलिस है। पुलिस गलती से किसी दूसरे घर में घुस गई थी जहां महिलाएं बेडरूम में थी। पुलिस ने बिना महिला सिपाही के घर में छापेमारी की थी। वहीं इस मामले के बारे में सूचना मिलते ही कस्बा थानाध्यक्ष अजय कुमार पहुंचे। लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन घरवाले कुछ भी समझने को तैयार नहीं थे। जिसके बाद एक घंटे तक ऐसा ही ड्रामा चला। इतने ड्रामे के बाद पुलिस ने लिखित रूप में माफी मांगी। जिसके बाद उन्हें छोड़ दिया गया।

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