पटना। बिहार सरकार शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए प्रयास कर रही है। शिक्षा विभाग की विशेष टीम ने 38 जिलों के स्कूल की गुप्त रूप से जांच की है। जांच कर ACS एस सिद्धार्थ को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। सौंपी गई रिपोर्ट में कई हैराने करने वाले खुलासे हुए हैं। कई […]
पटना। बिहार सरकार शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए प्रयास कर रही है। शिक्षा विभाग की विशेष टीम ने 38 जिलों के स्कूल की गुप्त रूप से जांच की है। जांच कर ACS एस सिद्धार्थ को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। सौंपी गई रिपोर्ट में कई हैराने करने वाले खुलासे हुए हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि निरीक्षण के दौरान बिहार के लगभग 60 फीसदी स्कूलों की स्थिति पढ़ने पढ़ाने लायक नहीं है। एसआईटी की टीम नवंबर माह से 38 जिलों में स्कूलों का दौरा कर रिपोर्ट तैयार कर रही है। रिपोर्ट के मुताबिक 60 फीसदी स्कूलों की स्थिति दयनीय थी। शिक्षकों की पढ़ाने में रुचि ना होना, स्कूलों में गंदगी और कई अन्य बुनियादी सुविधाओं की कमी पाई गई है। अधिकतर स्कूलों में साफ-सफाई, बेंच, कॉपी-किताब समेत कई अन्य व्यवस्था खराब हालत में मिली।
जानकारी के मुताबिक स्थानीय स्तर पर अधिकारी और कर्मचारी की इस जांच टीमों ने स्कूलों की स्थानीय स्तर पर जांच की हैं। अपर मुख्य सचिव के फोन आने से पहले ही स्कूलों की व्यवस्था को लेकर रिपोर्ट विभाग को सौंप दी गई थी। एसीएस सिद्धार्थ प्रतिदिन 10 स्कूलों के शिक्षकों से वीडियो कॉल पर बात करके जानकारी ले रहे हैं। इस प्रक्रिया से स्कूलों की असलियत का पता चलता है। इस स्थिति का जिम्मेदार शिक्षकों को बनाया गया है। एसीएस स्कूल परिसर की सफाई, छात्र और शिक्षरों की मौजूदगी, ड्रेस आदि का भी निरीक्षण किया गया।
पिछले दिनों वीडियो कॉल के दौरान एसीएस ने खुद रिपोर्ट की जांच की। साथ ही स्कूलों की जमीनी हकीकत से रू ब रू हुए। विभागीय जानकारी के मुताबिक एसीएस ने अक्टूबर में स्कूलों के निरीक्षण के लिए एक विस्तृत योजना तैयार की थी, लेकिन तब स्कूलों की स्थिति सही से सामने नहीं आ पाई थी। बताया जाता है कि अधिकतर निरीक्षकों ने मेज पर बैठकर रिपोर्ट तैयार की, जिससे स्कूलों की असलियत का पता ना चल पाए।