पटना: पिछले कई महीनों से बिहार की नीतीश सरकार जमीनों का सर्वे करवा रही है। ऐसे में जमीन रैयतों को काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है। वहीं राहत की खबर है कि प्रदेश सरकार ने लैंड सर्वे की समय सीमा बढ़ा दी है। बता दें कि यह कार्य सरकार के लिए मुसीबत […]
पटना: पिछले कई महीनों से बिहार की नीतीश सरकार जमीनों का सर्वे करवा रही है। ऐसे में जमीन रैयतों को काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है। वहीं राहत की खबर है कि प्रदेश सरकार ने लैंड सर्वे की समय सीमा बढ़ा दी है। बता दें कि यह कार्य सरकार के लिए मुसीबत बनी हुई है। सरकार लगातार समय सीमा में बदलाव कर रही है। वहीं अब नए आदेश के मुताबिक लैंड सर्वे की समय सीमा बढ़ाकर जुलाई 2026 कर दिया गया है।
बता दें कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने बिहार में लैंड सर्वे के लिए नया लक्ष्य निर्धारित कर दिया है. इसके साथ ही जनवरी 2025 से जमाबंदी को आधार से लिंक किया जायेगा. इससे बेनामी संपत्ति पर लगाम लगाया जाएगा। विधानसभा चुनाव 2025 से पहले प्रदेश में लैंड सर्वेक्षण कराने का ऐलान नीतीश सरकार के लिए समस्या बन चुकी है। लोगों का मानना है कि आगामी चुनाव को लेकर सरकार अलर्ट है इसलिए वे लगातार लैंड सर्वे की डेट में बदलाव कर रही है।
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने विभाग की उपलब्धियां गिनाते हुए यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि 1400 राजस्व अधिकारियों में से 458 से अधिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. कहीं भी जांच की ऑनलाइन व्यवस्था है. शिकायत सुनने के लिए 4 अधिकारियों की टीम को मुख्यालय में ड्यूटी लगाई गई है। इस दौरान उन्होंने आगे कहा लैंड सर्वे के लिए आने की जरुरत नहीं है जो जहां है वही से ऑनलाइन सर्वेक्षण का काम पूरा करें। एक साल में 45000 गांवों में सर्वे का काम पूरा करने का लक्ष्य है. यह एक नहीं बल्कि दो साल में पूरा हो जायेगा.