पटना। बिहार में मॉनसून के शुरू होते ही बाढ़ जैसे हालात बन गए है। जून में बारिश की शुरुआत नहीं हुई लेकिन जुलाई में मॉनसून के आगमन से महीने की शुरूआत में ही बारिश होने लगी। बारिश के कारण कोसी और सीमांचल के कई इलाकों में नदियों का पानी उफान पर है। इसके कारण कई […]
पटना। बिहार में मॉनसून के शुरू होते ही बाढ़ जैसे हालात बन गए है। जून में बारिश की शुरुआत नहीं हुई लेकिन जुलाई में मॉनसून के आगमन से महीने की शुरूआत में ही बारिश होने लगी। बारिश के कारण कोसी और सीमांचल के कई इलाकों में नदियों का पानी उफान पर है। इसके कारण कई गांवों में पानी फैल गया है। जिससे वहां रह रहे लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
कोसी नदी के जलस्तर में उतार- चढ़ाव से सुपौल,सहरसा और खगडि़या में कटाव तेज होने लगा है। जलस्तर में बढ़ोत्तरी होने से तटबंध के भीतर निचले इलाके में पानी दाखिल होने लगा है। खगड़िया में कोसी व बागमती नदी के जलस्तर में लगातार 5वें दिन उफान जारी रहा। चौथम के शिशवा गांव के पास तेज कटाव रोकने में विभाग जुटा है। कटिरहार में गंगा नदी का जलस्तर बरारी और मनिहारी में बढ़ रहा है। पूर्णिया के बायसी में परमान नदी का जलस्तर लाल निशान के पार पहुंच चुका है। कनकई नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है।
बायसी अनुंडल क्षेत्र में बुधवार को भी परमान नदी का जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर रहा। वहीं बुधवार को कनकई नदी के जलस्तर में तेज से बढ़ोत्तरी हो रही है। जिले के डेंगराह में महानंदा नदी के जलस्तर में बढ़ोत्तरी देखी जा सकती है। सीडब्लूसी के अधिकारी लक्ष्मी उंराव का कहना है कि अररिया जिले में परमान नदी का डेंजर लेवल47000 मीटर से एक बार फिर ऊपर आ गया है। बुधवार को पानी का स्तर 47.390 मीटर पर पहुंच गया जो खतरे के निशान के करीब है।