पटना। प्रदेश में शीतलहर के कारण स्कूलों को बंद रखने के डीएम के आदेश पर बखेड़ा खडा करने वाले शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव KK पाठक को करारा जवाब मिला है। केके पाठक ने सोमवार को शिक्षा निदेशक से जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र भिजवाया था. जिसमें कहा गया था कि डीएम के आदेश […]
पटना। प्रदेश में शीतलहर के कारण स्कूलों को बंद रखने के डीएम के आदेश पर बखेड़ा खडा करने वाले शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव KK पाठक को करारा जवाब मिला है। केके पाठक ने सोमवार को शिक्षा निदेशक से जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र भिजवाया था. जिसमें कहा गया था कि डीएम के आदेश को नहीं मानकर सरकारी स्कूलों को खुलवाया जाये। इसके बाद पटना के डीएम ने जवाब दिया है-स्कूलों को बंद रखने का आदेश देने का मुझे पूरा अधिकार है. इसे नहीं मानने वाले को 6 महीने के जेल की सजा हो सकती है।
बता दें कि विवाद की शुरूआत 20 जनवरी से हुई थी। KK पाठक ने खुद बिहार के सारे कमिश्नर को पत्र लिखकर कहा था कि डीएम को स्कूल बंद कराने का कोई अधिकार नहीं है। इसलिए ठंड के कारण स्कूलों को बंद करने का आदेश निकलाने से पहले शिक्षा विभाग की अनुमति ली जाये। इसके बावजूद पटना डीएम ने 21 जनवरी को आदेश जारी कर सभी स्कूलों को 23 जनवरी तक बंद रखने को कहा था. 22 जनवरी को केके पाठक के आदेश पर शिक्षा विभाग के निदेशक कन्हैया प्रसाद सिंह ने पटना के डीईओ यानि जिला शिक्षा पदाधिकारी को आदेश दिया कि वे सरकारी स्कूलों को खुलवायें और डीएम का आदेश नहीं मानें। इससे नाराज पटना डीएम ने शिक्षा विभाग के निदेशक को कड़ा पत्र लिखा है।
पटना डीएम चंद्रशेखऱ ने शिक्षा विभाग के निदेशक कन्हैया प्रसाद सिंह को लिखे पत्र में कहा है पटना जिला में शीतलहर और कम तापमान जारी रहने के कारण बच्चों के स्वास्थ्य और जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की सम्भावना है। ऐसे में दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा-144 के तहत पटना शहरे के सभी सरकारी विद्यालयों और निजी विद्यालयो (प्री-स्कूल, आंगनबाड़ी केन्द्रों एवं कोचिंग सेन्टर सहित) में क्लास-8 तक की शैक्षणिक गतिविधियों पर तक प्रतिबंध लगाया गया है। कक्षा 9 से ऊपर की शैक्षणिक गतिविधियों को पर्याप्त सावधानी के साथ जारी रखा गया है।
पटना के DM चंद्रशेखर ने अपने पत्र में लिखा है कि दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा-144 के तहत जिला दंडाधिकारी को स्कूल बंद करने का आदेश देने पर्याप्त अधिकार है। DM ने अपने पत्र में CRPC की धाराओं के तहत मिले अधिकार की विस्तृत चर्चा की है। DM चंद्रशेखर ने अपने पत्र में लिखा है कि यदि कोई भी जिलाधिकारी के आदेश की जान बूझ कर अवहेलना करता है औऱ इससे मानव जीवन, स्वास्थ्य, को संकट होता है तो 6 महीने की जेल औऱ एक हजार रूपये का जुर्माना लगाया जा सकता है।
बिहार में भीषण गर्मी, ठंढ या भारी बारिश के दिनों में DM के स्तर पर स्कूलों को बंद करने का आदेश देने की परंपरा काफी पुरानी है। डीएम के पास इसका अधिकार भी है। लेकिन पहली दफे शिक्षा विभाग ने अपने अधिकारियों को कहा है कि वे डीएम का आदेश नहीं मानें। KK पाठक पहले मंत्री से भिड़े और सारे जिलाधिकारियों से भिड़ गये। अब इस बार पहली दफा उन्हें करारा जवाब भी अधिकारी के द्वारा मिला है। बता दें कि 20 जनवरी को ही केके पाठक ने स्कूलों में छुट्टियों को लेकर इससे संबंधित पत्र राज्य के सभी प्रमंडल आयुक्तों को भेजा था। जिसमें साफ कहा था बात-बात पर विद्यालय को बंद रखने की परंपरा पर रोक लगनी चाहिए।