Diwali 2023: दीपावली आज, जानें पूजन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त

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Diwali 2023: Diwali today, know the best time for worship
Diwali 2023: Diwali today, know the best time for worship

पटना। 12 नवंबर 2023, रविवार का दिन ज्योतिष के मुताबिक काफी महत्वपूर्ण है. दिवाली का पावन पर्व पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस पावन अवसर पर धन की देवी मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर महाराज की पूजा- अर्चना का विधान है. ऐसे में राजधानी पटना की बात करें तो यहां हर चौराहे- सड़कों पर प्राचीन मंदिर हैं, जिसमें लोगों की आस्था हमेशा से बनी रहती है। बता दें कि देशभर में शहर के प्राचीन महालक्ष्मी मंदिरों की विशेष मान्यता है। दिवाली पर सुबह से लेकर रात तक मां की प्रतिमा विशेष रूप में होने से यहां बड़ी संख्या में भक्तों का भीड़ जुटता है।

पूरी रात अमावस्या रहेगी

रविवार यानी आज कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी युक्त अमावस्या धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजन का पर्व दिवाली विभिन्न योग-संयोगों में मनाया जा रहा है। रविवार दोपहर 2.45 बजे से अमावस्या की शुरुआत शुरू होकर पूरी रात अमावस्या रहेगी।

अमावस्या में लक्ष्मी पूजन

शास्त्रानुसार कार्तिक अमावस्या को ज्योतिषाचार्य पं.दामोदर प्रसाद शर्मा के मुताबिक प्रदोष काल युक्त अमावस्या में लक्ष्मी पूजन किया जाएगा। अमावस्या को लक्ष्मी पूजन प्रदोष युक्त स्थिर लग्न में करना सही माना जाता है। इसका समय काल शाम 6.02 से 6.15 बजे तक रहेगा। प्रदोष काल, वृषभ लग्न, कुंभ का नवांश काल इस समय में युक्त समय रहेगा। यही सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त बताया गया है। गृहस्थों को शाम को ज्योर्तिविद पं घनश्याम लाल स्वर्णकार के मुताबिक प्रदोषकाल युक्त वृषभ लग्न में महालक्ष्मी पूजा करना श्रेष्ठ माना गया है। जो इस बार शाम 5.34 से 8.13 बजे तक के बीच में पूजा करना सही होगा। प्रदोष काल, कुंभ का स्थिर नवांश भी इसमें रहेगा।

पूजा-अर्चना के मुहूर्त –

शाम 5.34 से रात 8.13 बजे तक प्रदोष काल में, शाम 5.50 से रात 7.47 बजे तक वृष लग्न, मध्य रात्रि 12.20 से 2.36 बजे तक सिंह लग्न मुहूर्त रहेगा।

जानें चौघड़िए मुहूर्त –

शाम 5.34 से शाम 7.13 तक – शुभ
शाम 7.13 से 8.52 बजे तक – अमृत
रात 8.52 से रात 10.32 बजे तक – चर का
रात 1.50 से रात 3.30 बजे तक – लाभ का

व्यापारिक और औद्योगिक प्रतिष्ठान के लिए दिन के मुहूर्त

जानें चौघडिया – समय

चर का — सुबह 8.09 से 9.29 बजे सुबह तक
लाभ का— सुबह 9.29 से 10.50 बजे सुबह तक
अमृत का— सुबह 10.50 से 12.11 बजे दोपहर तक
शुभ का— दोपहर 1.32 से 2.52 बजे दोपहर तक

जिस दिन प्रदोष काल में अमावस्या रहती है ज्योतिषाचार्य पं.दामोदर प्रसाद शर्मा के मुताबिक उस दिन दिनभर और पूरी रात लक्ष्मी पूजा करने का सही मुहूर्त माना जाता है।