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चिराग पासवान बोले- कई गठबंधन बने और टूटे लेकिन…

पटना। लोकसभा चुनाव की घोषणा से कुछ दिन पहले लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने गठबंधन को लेकर अपना पत्ता नहीं खोला। मुजफ्फरपुर के साहिबगंज में जन आशीर्वाद महासभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि चिराग का गठबंधन सिर्फ बिहार और बिहार की जनता के साथ है। चिराग पासवान ने कहा कि जबतक जिऊंगा, […]

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  • March 11, 2024 5:29 am IST, Updated 1 year ago

पटना। लोकसभा चुनाव की घोषणा से कुछ दिन पहले लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने गठबंधन को लेकर अपना पत्ता नहीं खोला। मुजफ्फरपुर के साहिबगंज में जन आशीर्वाद महासभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि चिराग का गठबंधन सिर्फ बिहार और बिहार की जनता के साथ है। चिराग पासवान ने कहा कि जबतक जिऊंगा, शरीर में लहू का एक भी कतरा रहेगा, बिहार और बिहारियों के लिए समर्पित रहूंगा। कभी सत्ता का मोह रहा है ना लालच। मेरी नीति, मेरे आदर्श सिर्फ और सिर्फ बिहारियों के लिए समर्पित है।

कई सरकार आईं और गईं लेकिन…

चिराग पासवान ने आगे कहा कि कई सरकार आईं और गईं, कई गठबंधन बने और टूटे, मगर आज भी बिहार की समस्या वहीं की वहीं है। आज भी बिहार के लोग रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं। आज भी यहां छोटी-छोटी जरूरतें मूलभूत समस्याएं बनी हैं।

‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ की लड़नी है लड़ाई

चिराग ने कहा कि ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ की लड़ाई लड़नी है। धर्म और जाति से ऊपर उठकर 14 करोड़ बिहारियों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने की लड़ाई लड़नी है। उन्होंने कहा कि जाति और मजहब में बांट कर विभाजन की राजनीति सुनियोजित तरीके से की जा रही है, ताकि हमलोग बंटे रहें। यहां पर कोई विकास की बात ना करे। कोई अपने बेहतर भविष्य की बात नहीं करे। इस तरह की राजनीति जान-बूझकर बिहार में रची गई है।

चिराग ने नहीं किया स्पष्ठ

लोकसभा में किस गठबंधन के साथ लोजपा (रामविलास) जाएगी? इस बारे में चिराग ने कुछ भी स्पष्ट नहीं किया। केंद्र और राज्य में एक सरकार होने की वकालत की। उन्होने कहा कि विरोधाभास की सरकार हमेशा हमारे प्रदेश में रही है। चिराग ने कहा कि अब समय आ गया है कि केंद्र और राज्य दोनों में एक ही सरकार रहे। यह समय है अपने अधिकारों को जानने का। अपने हक और अधिकारों के लिए लड़ने का। कब तक हम शिक्षा व रोजगार के लिए दूसरे प्रदेशों का मुंह ताकते रहेंगे। अब समय है कि अपने प्रदेश, प्रखंड व गांव में ही बेहतर से बेहतर शिक्षा मिले।


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