पटना। देश भर के मौसम में लगातार बदलाव देखने को मिल रहा है। ऐसे में बिहार की बात करें तो यहां 20 मार्च को प्रदेश भर में अधिक बारिश हुई। इसके बाद 21 मार्च को बारिश से लोगों को थोड़ी राहत मिली है. वहीं 21 मार्च को राजधानी पटना में धूप भी निकली. पिछले दिन […]
पटना। देश भर के मौसम में लगातार बदलाव देखने को मिल रहा है। ऐसे में बिहार की बात करें तो यहां 20 मार्च को प्रदेश भर में अधिक बारिश हुई। इसके बाद 21 मार्च को बारिश से लोगों को थोड़ी राहत मिली है. वहीं 21 मार्च को राजधानी पटना में धूप भी निकली. पिछले दिन कुछ जिलों में आंशिक बादल छाए रहे जबकि कुछ जिलों में हल्की बारिश हुई. पटना स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक कमल सिंह गुप्ता ने बताया कि 21 मार्च यानी बीते गुरुवार को बिहार के अधिकांश हिस्सों में हल्की सी मध्यम बारिश दर्ज हुई। आज शनिवार को प्रदेश के कई जिलों में बारिश के आसार हैं।
आज यानी 22 मार्च को प्रदेश के मुज़फ्फरपुर, वैशाली, पटना, जहानाबाद, गया, मधुबनी, दरभंगा, सीतामढ़ी, शिवहर, समस्तीपुर, नालंदा, शेखपुरा, नवादा, बेगूसराय,मधेपुरा, सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया , कटिहार, लखीसराय, जमुई, बांका, भागलपुर, खगड़िया, मुंगेर और सहरसा में बारिश होने की संभावना रहेगी. कहीं-कहीं हल्की से तेज बारिश हो सकती है.
पिछले दो दिन की बात करें तो इन दिनों में सबसे अधिक बारिश वैशाली में 129 मिमी रिकॉर्ड हुई। इसके साथ पश्चिम चंपारण के सिकटा में 124.8 मिमी बारिश दर्ज हुई. बांका, मुज़फ्फरपुर, जहानाबाद, बेगूसराय, दरभंगा, पूर्वी चंपारण, मधेपुरा, अरवल, पूर्णिया, अररिया, सहरसा, किशनगंज, भोजपुर, गया में भारी बारिश रिकॉर्ड हुई . इस कारण से दिन के तापमान में कमी रिकॉर्ड हुई। हालांकि प्रदेश भर में आज शनिवार को ठंडी हवाएं भी चल रही है.
आज शनिवार को बिहार का अधिकतम पारा 28°C से 30°C के बीच और न्यूनतम पारा 14°C से 18°C के बीच रहने के आसार हैं. जबकि 21 मार्च को बिहार का सबसे अधिक अधिकतम पारा 28.9°C वैशाली में वहीं सबसे कम न्यूनतम पारा 13°C मोतीहारी में दर्ज किया गया.
पिछले दिन यानी 19-21 मार्च की हुई बारिश ने किसानों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है. इससे रबी फसलों को अधिक नुकसान हुआ है. खासकर सरसों, मसूर, चना आदि फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. बारिश के साथ हवा के कारण कई जगह पर गेहूं की फसल खेतों में ही गिर गई। तेज हवाओं के साथ बारिश से पूर्वी बिहार, कोशी, सीमांचल में भी फसलों को अधिक नुकसान हुआ है.