पटना। बिहार के महागठबंधन में दरार पड़ने की संभावना बढ़ती जा रही है। ललन सिंह को RJD से बढ़ती नजदीकियों की वजह से उन्हें जदयू अध्यक्ष के पद से हटा कर नीतीश को पट दिया गया है। पार्टियों में बढ़ी दूरीयां बिहार में JDU यानी जनता दल यूनाइटेड और आरजेडी के गठबंधन के बीच दूरियां […]
पटना। बिहार के महागठबंधन में दरार पड़ने की संभावना बढ़ती जा रही है। ललन सिंह को RJD से बढ़ती नजदीकियों की वजह से उन्हें जदयू अध्यक्ष के पद से हटा कर नीतीश को पट दिया गया है।
बिहार में JDU यानी जनता दल यूनाइटेड और आरजेडी के गठबंधन के बीच दूरियां आने लगी है। जिसकी वजह ललन सिंह को जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाना माना जा रही है। RJD के साथ बढ़ती नजदीकियों की वजह से ही ललन सिंह की छुट्टी हुई और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद को भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने पास रख लिया है. माना जा रहा है कि नीतीश कुमार विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया में एक महत्वपूर्ण पद पाना चाहते है इसलिए वे अपनी पार्टी पर भी एकतरफा कमान चाहते है।
JDU में बड़े परिवर्तन का असर बिहार महागठबंधन पर भी पड़ता दिखाई दे रहा है। जिसकी शुरूआत लगभग हो चुकी है। डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव 6 जनवरी को आस्ट्रेलिया के दौरे पर जाने वाले थे। लेकिन उन्होंने दौरा अब रद्द कर दिया है। जिसकी एक वजह यह भी माना जा रहा है कि पार्टी इस प्रदेश में राजनीति उठापटक के बीच अपने प्रमुख नेता को राज्य से बाहर भेजकर कोई जोखिम उठाना नही चाहती।
सूत्रो के मुताबिक एक राजद नेता का कहना है कि जनवरी का महीना दोनों पार्टियों के लिए महत्वपूर्ण होने वाला है। क्योंकि अब RJD की तरफ से कैबिनेट विस्तार की मांग की जाएगी। नीतीश कैबिनेट में अभी 4 मंत्रालय भरे जाने है। RJD नेता का कहना है कि जब महागठबंधन बरकरार रहेगा तभी वे सकारात्मक मानसिकता के साथ लोकसभा चुनाव लड़ सकते है। RJD में कांग्रेस और अन्य वाम दलों को मिलाकर कुल 114 विधायक है जो सामान्य बहुमत से केवल 8 कम है।
नीतीश कुमार दोबारा भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे क्योंकि इससे उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी गंवानी पड़ सकती है और वे जब तक मुख्यमंत्री के पद पर है वह प्रासंगिक और महत्वपूर्ण पद है। वहीं एक तरफ जहां जेडीयू और आरजेडी के बीच मतभेद की खबरें आ रही है वहीं दूसरी तरफ ललन सिंह ने नीतीश कुमार के साथ मनमुटाव को खारिज करते हुए कहा कि ये उनके 37 साल के राजनीतिक करियर को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है.