Bihar News: बिहार के दरभंगा राज परिवार की बहू गुंजेश्वरी सिंह के निधन से शोक की लहर, मधुबनी में खोला था पहला कॉलेज

पटना। बिहार (Bihar News) में दरभंगा राज परिवार के राजकुमार कीर्ति सिंह की बहू व बाबू जगदीश नन्दन सिंह की धर्मपत्नी गुंजेश्वरी सिंह का निधन हो गया। उन्होंने गुरुवार की देर रात मधुबनी ड्योढ़ी परिसर स्थित अपने निवास पर अंतिम सांसें ली। बता दें कि गुंजेश्वरी सिंह 91 वर्ष की थीं। उनके कोई बच्चे नहीं […]

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Bihar News: बिहार के दरभंगा राज परिवार की बहू गुंजेश्वरी सिंह के निधन से शोक की लहर, मधुबनी में खोला था पहला कॉलेज

Nidhi Kushwaha

  • May 31, 2024 12:34 pm IST, Updated 6 months ago

पटना। बिहार (Bihar News) में दरभंगा राज परिवार के राजकुमार कीर्ति सिंह की बहू व बाबू जगदीश नन्दन सिंह की धर्मपत्नी गुंजेश्वरी सिंह का निधन हो गया। उन्होंने गुरुवार की देर रात मधुबनी ड्योढ़ी परिसर स्थित अपने निवास पर अंतिम सांसें ली। बता दें कि गुंजेश्वरी सिंह 91 वर्ष की थीं। उनके कोई बच्चे नहीं हैं। शुक्रवार रको दरभंगा राज परिवार के करीबी आशीष झा ने इस बात की जानकारी दी।

गुंजेश्वरी सिंह ने ही खुलवाया था मधुबनी का पहला कॉलेज

आशीष झा ने बताया कि मधुबनी जिले (Bihar News) में शिक्षण संस्थानों की स्थापना में बाबू जगदीश नंदन सिंह का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। जैसे दरभंगा में बाबू चंद्रधारी सिंह ने कॉलेज और संग्रहालय की स्थापना की, उसी तरह मधुबनी में बाबू जगदीश नंदन सिंह की पत्नी गुंजेश्वरी सिंह ने कॉलेज और कई स्कूल खोले। यही नहीं मधुबनी जिले का पहला कॉलेज जगदीश नंदन कॉलेज 1949 में उन्होंने ही खोला था। इसके अलावा उन्होंने कई स्कूलों की भी स्थापना भी कि थी जहां शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राएं देश से विदेशों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

आशीष झा ने आगे कहा कि गुंजेश्वरी बुआसिन ने साल 1944 में मधुबनी जिले के बाबूबरही में जगदीश नंदन हाईस्कूल की स्थापना की थी। वे हमेशा ही शिक्षा के विकास और प्रसार के लिए तत्पर रहती थीं। उन्हें जानने वाले कहते हैं कि गुंजेश्वरी सिंह जैसी शिक्षा प्रेमी और समाजसेवी कभी-कभी ही धरती पर जन्म लेते हैं। वह हमेशा जरूरतमंद छात्र-छात्राओं की मदद भी करती थीं। उनके जैसे शिक्षा प्रेमी मिलना मुश्किल है।

निधन की खबर से शोक की लहर

बता दें कि गुंजेश्वरी देवी में सामाजिक कार्यों के प्रति काफी दिलचस्पी थी। उन्होंने 1960 में मधुबनी में ही गुंजेश्वरी नेत्रहीन बालिका विद्यालय की स्थापना की थी। वहीं बाबू जगदीश नंदन सिंह उन तीन लोगों में से हैं जिन्होंने वर्ष 1946 में भारत-नेपाल रेलखंड के लिए अपनी जमीन नेपाल रेलवे को किराये पर दी थी। ऐसे में गुंजेश्वरी सिंह के निधन की खबर से मधुबनी और दरभंगा में शोक की लहर है। बहुत से लोगों का कहना है कि गुंजेश्वरी सिंह के निधन से बिहार के शिक्षा जगत को काफी बड़ा नुकसान हुआ है।

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