Bihar News:बिहार के 13 कॉलेजों पर फिर मंडराया वित्तीय संकट, केके पाठक ने फिर लगाई वाट

पटना। बिहार के विश्वविद्यालयों के वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट स्वीकार(Bihar News) नहीं होने से संकट बढ़ गया है। शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों के(Bihar News) बजट प्रस्ताव की समीक्षा के लिए 15 से 29 मई तक अलग-अलग बैठक बुलायी थी। इसमें संबंधित कॉलेजों के कुलपति सहित अन्य पदाधिकारियों को बजट की बैठक में बुलाया गया […]

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Bihar News:बिहार के 13 कॉलेजों पर फिर मंडराया वित्तीय संकट, केके पाठक ने फिर लगाई वाट

Shivangi Shukla

  • May 30, 2024 10:11 am IST, Updated 6 months ago

पटना। बिहार के विश्वविद्यालयों के वित्तीय वर्ष 2024-25 का बजट स्वीकार(Bihar News) नहीं होने से संकट बढ़ गया है। शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों के(Bihar News) बजट प्रस्ताव की समीक्षा के लिए 15 से 29 मई तक अलग-अलग बैठक बुलायी थी। इसमें संबंधित कॉलेजों के कुलपति सहित अन्य पदाधिकारियों को बजट की बैठक में बुलाया गया था। लेकिन इस बैठक में कामेश्वर सिंह संस्कृत विवि, दरभंगा के काई कुलपति सहित कई अन्य पदाधिकारियों को बुलाया गया था। लेकिन, इस बैठक में कामेश्वर सिंह संस्कृत विवि नहीं आए। जिस कारण बैठक नहीं हुई और ना ही बजट को स्वीकृति मिली।

बजट को नहीं मिली स्वीकृति

केके पाठक के विभाग ने बजट स्वीकृत कराने के मामले में बैठक बुलाई थी। विभागीय पदाधिकारी के मुताबिक बजट स्वीकृत न होने की वजह से वेतन, पेंशन जैसी राशि नहीं भेजी जा रही है। विभाग अब नए सिरे से बैठक बुलाएगा।बैठक के लिए नई तिथि जारी की जाएगी। नई बैठक बुलाने के कारण यह है कि बजट को मंजूरी दी जा सके। वित्तीय सहायता के अभाव में अलग-अलग विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में बड़ी संख्या में ऐसे भी शिक्षक और कर्मचारी ऐसे है जिन्हें जनवरी से वेतन नहीं मिला है। फरवरी के बाद से वेतन या किसी भी अन्य रूप में कोई राशि नहीं भेजी गई है। इस तरह से देखें तो फरवरी के बाद से लोगों को कोई वेतन-पेंशन नहीं मिली है।

विश्वविद्यालयों के खाते पर लगी रोक

विभाग ने 15 मई को केएसडीएस दरभंगा और अरबी-फारसी विवि की बैठक बुलायी थी। 16 मई को पूर्णिया और मुंगेर विवि, 21 को मगध और मधेपुरा, 22 को वीर कुंवर सिंह, भागलपुर और तिलकामांझी, 24 को बीआरए मुजफ्फरपुर और पटना, 28 को पाटलिपुत्र जयप्रकाश विवि छपरा और 29 को लनाविवि दरभंगा की बैठक होनी थी।विश्वविद्यालयों के कुलपति और अन्य पदाधिकारियों की शिक्षा विभाग की बैठकें बुलाई गई है। लेकिन कुछ एक को छोड़ दें तो किसी बैठक में विश्वविद्यालय के अधिकारी नहीं गए। कार्रवाई करते हुए शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों के खाते पर रोक लगा दी।

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