पटना। आयुर्वेद में ऐसे कई सारें पेड़-पौधे(Aak Leaves) है जो एक औषधि के तौर पर काम करते है, लेकिन हमे पता नहीं होता है कि वह कौन से पेड़-पौधे है। आक के पत्ते किसी वरदान से कम नहीं है। इन औषधि पौधों में आक के पत्ते भी शामिल है। आक को ‘मदार’ के नाम से भी जाना जाता है। इसका औषधिक नाम जायंट कैलोट्रोप है। आक के पत्तों में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते है। आक के पत्ते कब्ज, दस्त, जोड़ो के दर्द, दांतो की समस्या जैसे कई रोगों में काम आते है।इस पौधे में मौजूद एंटीऑक्सीडेंटऔर एंटी इंफ्लेमेटरी के गुण चोट को ठीक करने में मदद करते है। आइए बताते है आपको कि आक के पत्ते कितनी सारी बीमारियों में कारगर साबित होते है।
सिर दर्द से राहत–
आक के पत्तों में कुछ खास तरह के गुण होते है। जो सिर दर्द से संबंधित समस्याओं को दूर करने में काम करते है। सिर दर्द से जुड़ी समस्याओं के लिए आक के पत्तों को पीसकर उसका लेप माथे पर लगाने से कुछ ही देर मे आराम मिलता है।
स्किन से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में-
आक के रस में कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट और एंटी सेप्टिक गुण होते है जो त्वचा की सूजन, लालिमा और जलन को कम करने में सहायक होते है। इतना ही नहीं आक में एंटी बैक्टीरियल गुण भी होते है जो कई तरह के स्किन प्रॉब्लम को जल्दी ठीक करने का काम करते है।
बवासीर मे राहत-
बवासीर से परेशान लोगों के लिए भी आक के पत्ते लाभकारी सिद्ध होते है। बवासीर से राहत पाने के लिए आक के पत्तों को पीसकर बवासीर के घाव पर लगाने से घाव जल्दी भर जाता है। इससे घाव वाली जगह पर लगाने से दर्द में भी आराम मिलता है।
डायबिटीज में लाभकारी-
आयुर्वेद में आक के पौधे को डायबिटीज की बीमारी में शक्तिशाली जड़ी-बूटी के रुप में देखा जाता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन से आई एक रिपोर्ट के मुताबिक आक के पत्तों में एंटीडायबिटिक गुण पाए जाते है। जो डायबिटीज की बीमारी मे लाभकारी सिद्ध होते है। चूहों पर किए गए रिसर्च के मुताबिक आक के पत्तों में मौजूद अर्क सीरम ग्लूकोज के स्तर को कम करने का काम करते है।