पटना। होली रंगों का त्योहार है। इसे पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। होली का त्योहार बच्चों के लिए खुशी और उत्साह लेकर आता है। लेकिन, इस त्योहार में इस्तेमाल होने वाले केमिकल रंग आपकी और बच्चों की हेल्थ के लिए नुकसानदायक होते है। केमिक वाले रंग नाजुक त्वचा और आंखों नुकसान पहुंचा […]
पटना। होली रंगों का त्योहार है। इसे पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। होली का त्योहार बच्चों के लिए खुशी और उत्साह लेकर आता है। लेकिन, इस त्योहार में इस्तेमाल होने वाले केमिकल रंग आपकी और बच्चों की हेल्थ के लिए नुकसानदायक होते है। केमिक वाले रंग नाजुक त्वचा और आंखों नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए, होली खेलते समय बच्चों की सुरक्षा का खास ध्यान रखना जरूरी है। आइए जानें कैसे होली पर बच्चों को सेफ रख सकते हैं।
होली खेलते समय बच्चों को सिंथेटिक रंगों से बचाना चाहिए,क्योंकि इनमें हानिकारक केमिकल होते हैं। जो त्वचा और आंखों को हानि पहुंचाते हैं। कई बार तो इन रंगों में कांच मिला होता है जो त्वचा को नुकसान पहुंचाता है। हो सके तो नेचुरल रंगों का इस्तेमाल करें, जो फूलों आदि से बने होते हैं।
होली खेलने से पहले बच्चों के पूरे शरीर पर नारियल या सरसों का तेल अच्छी तरह से लगाना चाहिए। तेल रंगों को त्वचा में गहराई तक जाने से रोकने का काम करता है। साथ ही यह पक्के या कच्चे रंगों को आसानी से उतारने में मदद करता है।
होली में बच्चों को फुल स्लीव्स के कपड़े पहनाएं, ताकि उनकी त्वचा पर कम से कम रंग जाए। फुल स्लीवस के कपड़े पहनने से बच्चों का केमिकल रंगों से संपर्क कम होता है। जिससे केमिकल वाले रंग उनके शरीर से दूर रहते है। फुल स्लीव्स के कपड़े बच्चों को गुब्बारे जैसी तेज लगने वाली चीजों से भी बचाते है।
होली खेलने के पहले और खेलने के बाद बच्चों की त्वचा पर मॉश्चराइजर लगाएं। ऐसा करने से रंगा ज्यादा समय तक शरीर पर नहीं रहते। ना ही त्वचा रूखी होती है। बच्चे के होली खेलने के बाद उससे अच्छे से नहलाकर उसके पूरे शरीर पर मॉश्चराइजर लगाना जरूरी होता है।
होली खेलने के बाद बच्चों को नहलाने के लिए ज्यादा हार्श साबुन का इस्तेमाल न करें। इससे बच्चों की नाजुक त्वचा को नुकसान पहुंचता है। हो सके तो बच्चों के माइल्ड शैम्पू या साबुन का इस्तेमाल करें। ऐसा करने से इनकी त्वचा मुलायम रहेगी।