पटना। तेजी से बदलती लाइफस्टाइल और बढ़ते कॉम्पटीशन में तनाव भी बढ़ रहा है। इसकी वजह से कई तरह की गंभीर समस्याएं पैदा हो रही है। तनाव के चलते रात में नींद पूरी नहीं हो पाती है। लगातार ऐसा होने से कई लोगों को रात में सोते समय सिर चकराने, तेज सिर दर्द और कुछ […]
पटना। तेजी से बदलती लाइफस्टाइल और बढ़ते कॉम्पटीशन में तनाव भी बढ़ रहा है। इसकी वजह से कई तरह की गंभीर समस्याएं पैदा हो रही है। तनाव के चलते रात में नींद पूरी नहीं हो पाती है। लगातार ऐसा होने से कई लोगों को रात में सोते समय सिर चकराने, तेज सिर दर्द और कुछ टूटने की आवाज आती है। इसकी वजह से नींद पूरी नहीं हो पाती है।
इससे झुंझलाहट से पूरा शरीर भर जाता है। इस कंडीशन को एक्सप्लोडिंग हेड सिंड्रोम कहते है। इस स्लीप डिसऑर्डर से कई तरह की दिक्कत होने लगती है। एक्सप्लोडिंग हेड सिंड्रोम, एक स्लीप डिसऑर्डर है, जिसमें इंसान को अपने सिर में तेज आवाज, विस्फोट जैसी कई आवाजें सुनाई देती है। इसे एपिसोडिक क्रेनियल सेंसरी शॉक भी कहा जाता हैं। इस कंडीशन को पैरासोमनिया भी कहते है। इस समस्या में सुनाई देने वाली आवाजें काल्पनिक होती हैं। ऐसा होने पर डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
1. ब्रेन के सेंसरी न्यूरॉन्स में अचानक से इलेक्ट्रिकल एक्टीविटी महसूस होना।
2. इनर ईयर का क्षतिग्रस्त होना।
3. कान में हमेशा झनझनाहट का होना।
4. गहरी नींद में अचानक से आंख खुलना।
5. सिरदर्द की समस्या का होना।
6. तनाव, डिप्रेशन और एंग्जाइटी डिसऑर्डर होना।
1. तनाव को दूर करने के लिए योगा-मेडिटेशन और एक्सरसाइज करें।
2. स्लीप डिसऑर्डर से बचने के लिए डॉक्टर की सलाह पर दवाई लें।
3. सोते समय आसपास अंधेरा करें।
4. डिस्टर्ब करने वाली चीजों से खुद से दूर करें।
5. काम के दौरान ब्रेक जरूर लें।