पटना : बिहार सरकार द्वारा आरक्षण बढ़ाने के फैसले को पटना हाईकोर्ट ने आज गुरुवार को रद्द कर दिया है. हाईकोर्ट ने आज बिहार के उस कानून को ख़ारिज कर दिया, जिसमें पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण 50 फीसदी से बढ़ाकर 65 परसेंट कर दिया गया था. […]
पटना : बिहार सरकार द्वारा आरक्षण बढ़ाने के फैसले को पटना हाईकोर्ट ने आज गुरुवार को रद्द कर दिया है. हाईकोर्ट ने आज बिहार के उस कानून को ख़ारिज कर दिया, जिसमें पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण 50 फीसदी से बढ़ाकर 65 परसेंट कर दिया गया था. इसके बाद से अब लोगों को जाति आधारित 65 फीसदी आरक्षण नहीं दिया जाएगा. ऐसे में राजद नेता मनोज झा का बड़ा बयान सामने आया है।
बता दें कि आरक्षण रद्द को लेकर पटना हाईकोर्ट ने पिछड़ा वर्ग, OBC और SC-ST के लिए 65% आरक्षण को रद्द करने पर राजद नेता मनोज कुमार झा ने कहा, “…आरक्षण को लेकर जो दायरा नीतीश-तेजस्वी की सरकार में जो बढ़ाया था, उस पर जो रोक लगी है उसे हम दुर्भाग्यपूर्ण मानते हैं। ऐसे फैसले फासले बढ़ाते हैं… तमिलनाडु को भी बहुत समय लगा था, हम भी तैयार हैं… पर्दे के पीछे से ये कौन लोग हैं जो ये काम करवाने के लिए उत्सुक हैं.
यूथ फॉर इक्वैलिटी नाम के संगठन ने पटना हाईकोर्ट में इस आरक्षण के मुद्दे को लेकर चुनौती दी थी. उसके अपील पर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की बेंच ने आरक्षण बढ़ाने वाले इस कानून को ख़ारिज करते हुए प्रदेश की नीतीश सरकार को बड़ा झटका दिया है. गौरव कुमार समेत कुछ और याचिकाकर्ताओं ने आरक्षण के मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर 11 मार्च को सुनावाई होने के बाद फैसला सुरक्षित रखा गया था. जिसे आज गुरुवार, 20 जून को कोर्ट की तरफ से सुनाया गया.