Shahi Litchi: मौसम की मार झेल रहा शाही लीची, शोध में जुटे वैज्ञानिक

पटना। बिहार का मुजफ्फरपुर अपनी बेहतरीन लीची(Shahi Litchi)के लिए जाना जाता है। मुजफ्फरपुर की शाही लीची(Shahi Litchi)के चर्चे तो पूरी दुनिया में हैं।शाही लीची का सीजन समाप्त होने को है, लेकिन लीची में मिठास नहीं आ पाई है। इस बार लीची के वजन में कोई वृद्धि नहीं हुई। किसानों के अनुसार लीची में पहले जैसी […]

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Shahi Litchi: मौसम की मार झेल रहा शाही लीची, शोध में जुटे वैज्ञानिक

Shivangi Shukla

  • May 30, 2024 9:45 am IST, Updated 7 months ago

पटना। बिहार का मुजफ्फरपुर अपनी बेहतरीन लीची(Shahi Litchi)के लिए जाना जाता है। मुजफ्फरपुर की शाही लीची(Shahi Litchi)के चर्चे तो पूरी दुनिया में हैं।शाही लीची का सीजन समाप्त होने को है, लेकिन लीची में मिठास नहीं आ पाई है। इस बार लीची के वजन में कोई वृद्धि नहीं हुई। किसानों के अनुसार लीची में पहले जैसी खूशबू भी नहीं आ रही है। लीची की तुड़ाई के दूसरे दिन ही इसकी लाली में कमी आ गई है। राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केन्द्र एनएलआरसी के वैज्ञानिक इस शोध की जांच कर रहे है।

लीची के मुनाफे पर पड़ा असर

किसानों को इस बार शाही लीची से मुनाफा होने के आसार कम है। लीची वैज्ञानिकों के मुताबिक 2014 में तापमान 43.6 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था। इसके बाद भी लीची में मिठास बरकरार थी। इस बार तापमान 41 डिग्री सेल्सियस पर ही लीची का हाल बुरा है। किसान करीब 60 प्रतिशत शाही लीची के नुकसान की बात बता रहे है। किसानों ने बताया कि 2 जून से चाइनीज लीची का मौसम शुरु हो रहा है। अब केवल उसी से आस लगाई जा सकती है।

मिट्टी की गुणवत्ता में कमी से लीची पर पड़ा प्रभाव

लीची वैज्ञानिक ने बताया कि इस शोध का विषय राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केन्द्र मुशहरी के निदेशक डॉ.विकास दास ने बताए है। शाही लीची को रहे नुकसान का कारण इसे शोध का विषय चुना होगा। शाही लीची पर मौसम के तापमान का असर तो है ही, इसके साथ- साथ लीची के बागों में मिट्टी की जांच करना भी आवश्यक हो गया है। बता दें कि जमीन में आवश्यक पोषक तत्व की कमी के कारण हर साल लीची की फ्लावरिंग और फल के पूर्ण विकास दोनों पर ही असर पड़ रहा है। 70 रुपए किलो मिल रहे लीची में 30 रुपये का नुकसान हो रहा है। मीनापुर के लीची व्यापारी सुबोध का कहना है कि शाही लीची के महानगरों में देरी से पहुंचने पर लीची की लालिमा में कमी देखने को मिल रही है।

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