पटना। बिहार लोक सेवा आयोग यानी BPSC की तरफ से आयोजित शिक्षक भर्ती का पेपर लीक हो गया है। राज्य में पेपर सॉल्वर गैंग के एक बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ है। आर्थिक अपराध ईकाई यानी EOU, बिहार पुलिस और झारखंड पुलिस ने मिलकर 24 घंटे के अंदर करीब 300 लोगों को हिरासत में लिया […]
पटना। बिहार लोक सेवा आयोग यानी BPSC की तरफ से आयोजित शिक्षक भर्ती का पेपर लीक हो गया है। राज्य में पेपर सॉल्वर गैंग के एक बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ है। आर्थिक अपराध ईकाई यानी EOU, बिहार पुलिस और झारखंड पुलिस ने मिलकर 24 घंटे के अंदर करीब 300 लोगों को हिरासत में लिया है। बताया जा रहा है कि ये सभी लोग BPSC की ओर से आयोजित BPSC TRE 3 Exam में शामिल होने वाले थे। वहीं इसे लेकर राज्य में राजनीति भी तेज हो गई है। पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने राज्य सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है।
तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा है कि बिहार में तीसरे चरण की BPSC शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में पेपर लीक के कारण 4 लाख से अधिक अभ्यर्थियों को परेशानी हुई है। आखिर ऐसा क्यों हुआ? हमने 𝟏𝟕 महीनों में 𝟒 लाख से अधिक नौकरियां दी, कभी भी किसी नियुक्ति परीक्षा में पेपर लीक नहीं हुआ। हमने केवल 𝟕𝟎 दिनों में दो चरण में 𝟐 लाख से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति की। शिक्षक भर्ती परीक्षा के दोनों चरणों में 𝟏𝟕 लाख से अधिक अभ्यर्थी होने के बावजूद भी कभी किसी प्रकार की कोई शिकायत नहीं मिली। सब नियुक्ति निष्पक्ष, पारदर्शी और सहज प्रक्रिया से हुई।
तेजस्वी ने आगे कहा कि अब ऐसी कौन सी ताकत और तत्व बिहार सरकार में है जिसके कारण तीसरे चरण की नियुक्ति के लाखों परिक्षार्थियों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है? सनद रहे, तीसरे चरण में भी 𝟏 लाख से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति का नीतिगत निर्णय हमारे कार्यकाल में हमने कराया था? अब ये NDA सरकार इसे लटका, अटका और भटका क्यों रही है? बता दें कि करीब 400 कैंडिडेट को 3-4 दिन पहले एंबुलेंस से बिहार के अलग-अलग जिलों से झारखंड लाया गया था। सभी को हजारीबाग के कोहीनूर बैंक्वेट हॉल में रखा गया। वहां पर इन्हें TRE-3 के क्वेश्चन पेपर सॉल्व कराए गए। प्रति कैंडिडेट 10-15 लाख में डील हुई थी।