पटना। बिहार एक बार फिर से सियासी संकट के दौर से गुजर रहा है। राजनीति में परिवारवाद पर नीतीश के बयान के बाद से राजद और जदयू के बीच बढ़ी तल्खी सामने आ गई है। दिल्ली से लेकर जदयू, राजद और बीजेपी अलग-अलग बैठके कर रहा है। कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार महागठबंधन […]
पटना। बिहार एक बार फिर से सियासी संकट के दौर से गुजर रहा है। राजनीति में परिवारवाद पर नीतीश के बयान के बाद से राजद और जदयू के बीच बढ़ी तल्खी सामने आ गई है। दिल्ली से लेकर जदयू, राजद और बीजेपी अलग-अलग बैठके कर रहा है। कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार महागठबंधन छोड़ने का मूड बना चुके हैं और वो NDA में फिर से वापसी कर सकते हैं। हालांकि राजद खेमा उन्हें मनाने में जुटा हुआ है। खैर अंतिम फैसला तो नीतीश कुमार ही लेंगे। आज दोपहर तक नीतीश कुमार अपना फैसला सुना सकते हैं।
दरअसल बिहार की राजनीति में कई दिनों से हलचल दिखाई पड़ रही थी। पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती से एक दिन पूर्व भाजपा ने मास्टरस्ट्रोक खेला और उथल-पुथल शुरू हो गई। मोदी सरकार ने जन नायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का ऐलान किया। इसके बाद भाजपा, राजद और जदयू आपस में ही क्रेडिट लेने के लिए भीड़ गई। इसके अगले दिन कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर नीतीश कुमार ने परिवारवाद पर हमला बोला। लालू यादव की बेटी रोहणी आचार्य को यह बात हजम हजम नहीं हुआ और उन्होंने दनादन तीन पोस्ट किये।
हालांकि बाद में नीतीश की आपत्ति के बाद यह पोस्ट डिलीट कर दिया गया लेकिन तब तक बवाल हो गया। बिहार की सियासत में इसके बाद जबरदस्त सियासी हलचल दिखी। बीजेपी ने अपने प्रदेश नेतृत्व को दिल्ली तलब किया। सम्राट चौधरी, पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी, विजय कुमार सिन्हा समेत राज्य के बड़े नेताओं के साथ अमित शाह ने बैठक की। पटना में सीएम आवास पर नीतीश कुमार और राबड़ी आवास पर लालू प्रसाद यादव ने अपने नेताओं के साथ बैठक की। वहीं आज का दिन बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सियासी सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार गठबंधन को लेकर बड़ा फैसला ले सकते हैं।