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क्यों मनाई जाती है रंग पंचमी, क्या है इसका महत्व

पटना। होली के 5 दिन बाद रंग पंचमी पड़ती है। रंग पंचमी को श्रीपंचमी के नाम से भी जाना जाता है। रंग पंचमी के दिन रंग और गुलाल खेलने की परंपरा है। इस साल रंग पंचमी का पर्व 19 मार्च को है। इस दिन होली के बाद एक बार फिर रंगों से होली खेली जाती […]

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Rang Panchami
  • March 7, 2025 7:27 am IST, Updated 1 week ago

पटना। होली के 5 दिन बाद रंग पंचमी पड़ती है। रंग पंचमी को श्रीपंचमी के नाम से भी जाना जाता है। रंग पंचमी के दिन रंग और गुलाल खेलने की परंपरा है। इस साल रंग पंचमी का पर्व 19 मार्च को है। इस दिन होली के बाद एक बार फिर रंगों से होली खेली जाती है। इस दिन पूरे ब्रज की भूमि एक बार फिर से रंगों में नहाती है।

रंग पंचमी का महत्व

होली और रंग पंचमी दोनों ही रंगों से जुड़े त्योहार हैं, लेकिन इनका महत्व काफी अलग है। होली पर लोग एक-दूसरे पर रंग लगाकर प्यार और भाईचारा बढ़ाते हैं। रंग पंचमी पर देवी-देवताओं को रंग लगाया जाता है। इस दिन आसमान में रंग उड़ाए जाते हैं। उड़ाए गए रंगों से देवता खुश होते हैं और अपना आशीर्वाद देते हैं। ऐसा माना जाता है कि होली आपसी प्रेम का त्योहार है। जबकि रंग पंचमी देवी-देवताओं की आराधना का त्योहार है।

रंग पचंमी का शुभ मुहूर्त

रंग पंचमी पर गुलाल को हवा में उछालकर देवताओं को चढ़ाया जाता है। इससे देवी- देवता प्रसन्न होते हैं और कृपा बरसाते हैं। आइए देखते हैं रंग पंचमी पर अपने घर पर किस तरह से पूजा की जाती है, साथ ही यह भी जानें कि यह शुभ तिथि कब से कब तक की होती है। रंग पंचमी 19 मार्च को मनाई जाएगी। चैत्र महीने के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि 18 मार्च रात 10 बजकर 9 मिनट पर शुरू होगी। यह 20 मार्च रात 12 बजकर 37 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के मुताबिक रंग पंचमी 19 मार्च को ही मनाई जाएगी।

गुलाल उड़ाने की परंपरा

मतलब जिस दिन सूर्योदय के समय पंचमी तिथि हो, उसी दिन त्योहार मनाया जाता है। इसलिए 19 मार्च को रंगों का यह दूसरा पर्व धूम-धाम से मनाया जाएगा। रंग पंचमी को लेकर ऐसी मान्‍यता है इस दिन श्रीकृष्ण और राधा रानी ने होली मनाई थी। स्वर्ग से देवी-देवता भी इस दिन पुष्प वर्षा करते हैं। इसलिए रंग पंचमी पर अबीर-गुलाल उड़ाने की परंपरा है। पंचमी के दिन रंगों का उत्सव दैवीय शक्तियों को प्रसन्न करने के लिए मनाया जाता है। इससे लोगों के कष्ट दूर होते हैं और जीवन में सुख-शांति आती है।

देवियों को गुलाल अर्पित करना

इस दिन की दैवीय कृपा से घर में समृद्धि बनी रहती है। यह त्योहार खुशियां और सकारात्मकता का प्रतीक है। रंग पंचमी का त्योहार हमें आपसी प्रेम और भाईचारे का संदेश देता है। रंग पंचमी के दिन लक्ष्‍मी माता और राधा रानी की प्रतिमा पर गुलाल अपर्ति करने से घर में संपन्‍नता आती है। साथ ही मां लक्ष्‍मी का आगमन होता है।


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