पटना। प्रदेश में मौसम में लगातार परिवर्तन देखने को मिल रहा है। दिसंबर खत्म होने में अब 6 दिन बाकी रह गए है,लेकिन अभी भी शीतलहर और कड़ाके की ठंड नहीं पड़ी है। कड़ाके की ठंड पड़ना रबी फसल के लिए भी जरूरी है। बीते तीन सालों में न्यूनतम तापमान में 5 डिग्री का अंतर […]
पटना। प्रदेश में मौसम में लगातार परिवर्तन देखने को मिल रहा है। दिसंबर खत्म होने में अब 6 दिन बाकी रह गए है,लेकिन अभी भी शीतलहर और कड़ाके की ठंड नहीं पड़ी है। कड़ाके की ठंड पड़ना रबी फसल के लिए भी जरूरी है। बीते तीन सालों में न्यूनतम तापमान में 5 डिग्री का अंतर देखा जा रहा है।
बीते दिन पटना का न्यूनतम तापमान 13.0 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, वहीं 2021 की बात करें तो 24 दिसंबर को राजधानी पटना का न्यूनतम तापमान 8.0 डिग्री रिकॉर्ड किया गया था। मौसम वैज्ञानिक आशीष कुमार ने बताया कि बीते कुछ सालों की तुलना में इस साल की जाए तो पश्चिमी विक्षोभ का कमी और बर्फीली पछुआ हवा में कमी के कारण तापमान अपने सामान्य से ज्यादा बने होने के कारण दिसंबर में कड़ाके की ठंड नहीं पड़ी। वहीं, जलवायु परिवर्तन के कारण भी देश के ज्यादातर भागों में मौसम में कोई खास परिवर्तन देखने को नहीं मिला है।
दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के स्कूल आफ अर्थ, बायोलाजिकल एंड एनवायर्नमेंटल साइंसेज (एसईबीईएस) के डीन प्रो. प्रधान पार्थ सारथी बताते है कि प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ की कमी के कारण ठंड में भी कमी आई है। इस कारण उत्तरी पश्चिमी हवा का प्रदेश में प्रवेश भी कम है, जिसकी वजह से प्रदेश के कई हिस्सों के अतिरिक्त गांगेय क्षेत्रों में कड़ाके की ठंड और शीतलहर नहीं है। बीते सालों की तुलना में इस बार तापमान भी सामान्य से 5-6 डिग्री ज्यादा बना हुआ है।
वहीं, हिमालय की ओर से आने वाली सर्द हवाओं का प्रवाह भी कम है, जिसकी वजह से लोगों की ठिठुरन कम है। जलवायु परिवर्तन के कारण भी पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता में कमी आई है। प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ के 40-72 घंटों के दौरान सक्रिय होने का अनुमान है। इसके कारण 27-29 दिसंबर के बीच दक्षिण पश्चिम भागों के भोजपुर, भभुआ, लखीसराय, बक्सर, रोहतास, अरवल दक्षिण मध्य भागों के पटना, बेगूसराय, औरंगाबाद, गया, शेखपुरा, नालंदा, नवादा व जहानाबाद जिलों के कुछ हिस्सों में हल्की वर्षा की संभावना है।