पटना: बिहार के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) डीपी ओझा का आज शुक्रवार को निधन हो गया। वे काफी दिनों से लंबी बीमारी से जूझ रहे थे। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने बिहार में कानून-व्यवस्था को मजबूत करने तथा राजनीति और अपराध के गठजोड़ के खिलाफ सख्त कदम उठाए थे। अपने ड्यूटी के दौरान राष्ट्रीय जनता […]
पटना: बिहार के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) डीपी ओझा का आज शुक्रवार को निधन हो गया। वे काफी दिनों से लंबी बीमारी से जूझ रहे थे। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने बिहार में कानून-व्यवस्था को मजबूत करने तथा राजनीति और अपराध के गठजोड़ के खिलाफ सख्त कदम उठाए थे। अपने ड्यूटी के दौरान राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया लालू प्रसाद यादव और सीवान के सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन की नाक में दम करने वाले डीजीपी डीपी ओझा पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे.
बता दें कि डीजीपी डीपी ओझा मोहम्मद शहाबुद्दीन के खिलाफ साल 2003 में सख्त कार्रवाई करने को लेकर सुर्खियों में आये थे. इसके बाद वह अपनी निडरता और निष्पक्षता के कारण जनता के बीच लोकप्रिय हो गये। ओझा ने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में लंबे और सफल करियर के बाद स्वैच्छिक रिटायरमेंट (वीआरएस) ले ली थी।
शहाबुद्दीन के खिलाफ कार्रवाई को लेकर लालू यादव और राबड़ी देवी सरकार की आंखों की किरकिरी बने डीपी ओझा ने राजद विरोधी मतदाताओं के बीच लोकप्रियता हासिल की. इसी लोकप्रियता को लुभाने के लिए डीपी ओझा ने 2004 में भूमिहार बहुल बेगुसराय लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन उनकी जमानत जब्त हो गयी. डीपी ओझा को महज 6000 से भी कम वोट मिले. इस चुनाव में जेडीयू के ललन सिंह ने कांग्रेस के कृष्णा शाही को करीब 20 हजार वोटों के अंतर से हराया था.