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Captain Jeet Shatru: कैप्टन जीत शत्रु का पार्थिव शरीर में घर पहुंचने से मचा कोहराम, परिवार वालों का हाल-बेहाल

पटना। 3 दिनों के बाद कैप्टन जीत शत्रु का पार्थिव शरीर शुक्रवार को पटना के मीठापुर स्थित उनके पुरंदरपुर आवास पर ले जाया गया। पार्थिव शरीर के उनके घर पर पहुंचने से पहले ही उनके घर पर परिवारजन और दोस्तों की भीड़ लग गई। सुबह लगभग 11:30 बजे एंबुलेंस की सहायता से पार्थिव शरीर को […]

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Captain Jeet Shatru
  • August 24, 2024 2:28 am IST, Updated 10 months ago

पटना। 3 दिनों के बाद कैप्टन जीत शत्रु का पार्थिव शरीर शुक्रवार को पटना के मीठापुर स्थित उनके पुरंदरपुर आवास पर ले जाया गया। पार्थिव शरीर के उनके घर पर पहुंचने से पहले ही उनके घर पर परिवारजन और दोस्तों की भीड़ लग गई। सुबह लगभग 11:30 बजे एंबुलेंस की सहायता से पार्थिव शरीर को उनके घर पहुंचाया गया। पार्थव शरीर के घर पहुंचते ही परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया।

बड़े भाई ने मुखाग्नि दी

कैप्टन के सफेद कपड़े में लपटे हुए शव को देखते ही कैप्टन के चाचा व चाची सदमे में चले गए। कैप्टन के शव को देखकर परिवार वालों का हाल-बेहाल है। शव को एंबुलेंस से निकालने के बाद घर के आंगन में रखा गया। जहां उनके परिवार वाले व पड़ोसियों ने उन्हें अंतिम विदाई दी। लगभग आधे घंटे बाद निजी वाहन से कैप्टन जीत के पिता रिटायर्ड डीआइजी राम बालक प्रसाद, मां व भाई मुकुल आनंद व गुल्लू भी घर पहुंचे। गाड़ी के रुकते ही पिता व मां शव से लिपट कर रोने लगे। दोपहर के लगभग 12:15 बजे मुक्ति वाहन से कैप्टन के पार्थिव शरीर को अंतिम यात्रा के लिए ले जाया गया। करीब 1 बजे कैप्टन के पार्थिव शरीर को बांस घाट लाया गया। जहां उनके पिता,चाचा और भाई समेत पड़ोस के कई अन्य लोगों वहां ही मौजूद थे। घाट पर करीब 1:30 बजे बड़े भाई मुकुल आनंद ने कैप्टन जीत शत्रु को मुखाग्नि दी।

दादी के बीमार पर घर आए

बांस घाट पर भी उनके परिजन व दोस्तों की भारी भीड़ इकट्ठा थी। उधर दुर्घटना ग्रस्त विमान का अब तक कुछ पता नहीं चल पाया है। पुरंदरपुर के स्थानीय निवासी बबलू के मुताबिक जीत छुट्टियों में जब भी घर आते थे, हम सब बाहर खाना खाने एक साथ जाया करते थे। वह पढ़ाई में काफी होशियार थे। 13 अगस्त को दादी की तबीयत खराब होने पर घर जीत आये थे। जब कैप्टन से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बोला कि दादी को ब्लड डोनेट करने आया हूं। दादी ठीक हो जायेगी, तो हम सब मिलकर बाहर खाना खाने जाएंगे।


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