पटना : पेरिस ओलिंपिक में भारत को आठवें दिन निराशा का सामना करना पड़ा। भारतीय एथलीट अब तक कुल 3 मेडल जीतने में सफल रहे हैं। शूटिंग में तीन ब्रॉन्ज मेडल आए हैं। इवेंट के दूसरे हाफ में भारतीय हॉकी टीम, मीराबाई चानू, लवलीना बोरगोहेन और लक्ष्य सेन से मेडल की उम्मीद है। बाकी सभी […]
पटना : पेरिस ओलिंपिक में भारत को आठवें दिन निराशा का सामना करना पड़ा। भारतीय एथलीट अब तक कुल 3 मेडल जीतने में सफल रहे हैं। शूटिंग में तीन ब्रॉन्ज मेडल आए हैं। इवेंट के दूसरे हाफ में भारतीय हॉकी टीम, मीराबाई चानू, लवलीना बोरगोहेन और लक्ष्य सेन से मेडल की उम्मीद है। बाकी सभी एथलीट मेडल नहीं जीत पाए। पिछले 3 ओलिंपिक की तरह इस बार भी ओलिंपिक मेडलिस्ट महिला तीरंदाज दीपिका कुमारी को सफलता नहीं मिली है। हार के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने अपनी हार की वजह बताई। तो जानिए उन्होंने क्या कहा।
हार के बाद मिडिया से बात करते हुए भारतीय महिला तीरंदाज दीपिका कुमारी ने कहा, ‘मैं मैच में अच्छा खेल रही थी। हालांकि, मैं मैच हार गई। मैच के दौरान मैंने कुछ खराब शॉट खेले, जिसकी वजह से मैं अपना गेम हार गई। मैं आगे से इन बातों का ध्यान रखूंगी और अपने गेम को और भी बेहतर बनाऊंगी। कम समय होने की वजह से सही तरीके से निशाना लगाना मुश्किल होता है। लेकिन मैं अपने गेम को बेहतर करूंगी, मैं अपना गेम जारी रखूंगी।’
दीपिका कुमारी इंडिया की नंबर वन तीरंदाज एथलीट हैं और वे 2012 से लगातार ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही हैं. लंदन, रियो और टोक्यो ओलंपिक के बाद दीपिका को पेरिस ओलंपिक में भी हार का सामना करना पड़ा. तीरंदाजी के व्यक्तिगत और ग्रुप इवेंट में हिस्सा लिया लेकिन पिछले 3 ओलंपिक की तरह पेरिस ओलंपिक में भी उनकी झोली पदकों से खाली रही. ओलंपिक के अलावा दूसरे अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में उनका अच्छा प्रदर्शन रहा हैं, इसलिए इस बार पेरिस में उनसे काफी उम्मीदें थीं, लेकिन फिर से उन्हें निराशा हाथ लगी.
ऑटो चालक के घर में जन्मे दीपिका के लिए तीरंदाजी के उपकरणों का इंतजाम करना बहुत मुश्किल था। इसके बावजूद उनका सपना कभी खत्म नहीं हुआ। उन्होंने बांस से बने उपकरणों से अभ्यास करके अपनी प्रतिभा को निखारा। दीपिका ने कई खेलों में भारत के लिए कई पदक जीते। उन्होंने विश्व कप में भी कई बार भारत का प्रतिनिधित्व किया और कई पदक जीते। उनकी सफलता ने भारत में तीरंदाजी को एक नई पहचान दिलाई।