नागा साधु के श्रृंगार में शामिल है ये 17 तरह की चीजें

नागा साधु अपने पूरे शरीर पर भभूत लगाते हैं। नागा साधु किसी शव की राख को शुद्ध करके शरीर पर मलते हैं।

नागा साधु हाथ, माथे और गले में चंदन का लेप लगाते हैं। लेप लगाने के बाद स्नान के लिए जाते हैं।

नागा साधु सिर, गले और बाजुओं में रुद्राक्ष की माला पहनते हैं, क्योंकि वह भगवान शिव का प्रतीक है।

माथे पर रोली से तिलक लगाते हैं। तिलक लगाने उनके श्रृंगार में शामिल है।

साधु लोग अपनी आंखों में श्रृंगार के रुप में काजल या सूरमा लगाते हैं।

साधु लोग अपने हाथ, पैर और बाजू में कड़ा पहनते हैं।

नागा साधु अपने अस्त्र के रुप में हमेशा अपने पास चिमटा रखते हैं।

भगवान शिव के समान साधु भी अपने पास डमरु रखते हैं।

कुछ नागा साधु अपने साथ चिमटे रखते है तो कुछ कमंडल।

नागा साधुओं की जटाएं अनोखी होती हैं। यह जटाओं को 5 बार लपेटकर पंचकेश शृंगार करते है।

नागा साधु कपड़े के रुप में भगवा लंगोट पहनते हैं।

नागा साधुओं का अंगुलियों में अंगूठी पहनना शुभ होता है।

माथे पर तिलक लगाने के साथ ही रोली का लेप भी लगाते हैं।

कानों में चांदी या सोने के बड़े-बड़े कुंडल पहनते हैं।

विश्वमंगल की कामना भी नागा का श्रृंगार माना जाता है।

नागा साधु की वाणी भी उनका एक श्रृंगार है।

ये साधु अपने कमर में माला पहनते हैं।