पटना। छपरा से चलकर लोकमान्य तिलक जाने वाली जनसाधारण एक्सप्रेस के दरवाजे न खुलने की वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। दरवाजे न खुलने से यात्री इतना गुस्सा हो गए कि उन्होंने कोच के दरवाजे और खिड़कियां तोड़ दिया। इससे ट्रेन के अंदर बैठे यात्रियों में हड़कंप मच गया। इस घटना की […]
पटना। छपरा से चलकर लोकमान्य तिलक जाने वाली जनसाधारण एक्सप्रेस के दरवाजे न खुलने की वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। दरवाजे न खुलने से यात्री इतना गुस्सा हो गए कि उन्होंने कोच के दरवाजे और खिड़कियां तोड़ दिया। इससे ट्रेन के अंदर बैठे यात्रियों में हड़कंप मच गया। इस घटना की सूचना कंट्रोल रुम को दी गई।
घटना की सूचना मिलते ही रेलवे कंट्रोल रूम को हुई तो उन्होंने उपद्रवियों की तलाश शुरू कर दी, लेकिन उन्हें कोई नहीं मिला। इसके बाद ट्रेन को आगे के लिए रवाना कर दिया। यह घटना मनकापुर स्टेशन पर घटी। यहां बस्ती से चलकर ट्रेन नंबर 15101 छपरा-लोकमान्य तिलक अंत्योदय जनसाधारण एक्सप्रेस रात 11:32 बजे पहुंची थी। जहां ट्रेन का इंतजार कर रहे सैंकड़ों यात्री मौजूद थे। ट्रेन के सभी कोच पहले से ही भरे थे। ऐसे में दूसरे यात्री कोच में नहीं चढ़ पाएं, इसके लिए अंदर मौजूद यात्रियों ने कोच के दरवाजे अंदर से बंद कर लिए थे।
बाहर वाले यात्रियों ने गेट खुलवाने की कोशिश की, लेकिन गेट नहीं खुले। इसके बाद बाहर खड़े यात्री आक्रोशित हो गए और उन्होंने प्लेटफॉर्म से ही पत्थर उठाकर कोच के गेट को तोड़ना शुरू कर दिया। इतने पर भी गेट नहीं खुले तो उपद्रवी यात्रियों ने खिड़की के शीशे और लोहे के सरिए तक उखाड़ लिए। हैरान करने वाली बात यह रही कि लगभग 15 मिनट चले उपद्रव के बीच कोई सुरक्षा अधिकारी नजर नहीं आया। इस घटना के बाद ट्रेन को गंतव्य के लिए रवाना कर दिया।
बाद में एक यात्री डॉ. सुनील कुमार कनौजिया ने घटना का वीडियो बनाकर एक्स पर पोस्ट कर दिया। रेलवे से इस मामले की शिकायत की तब जाकर रेलवे कर्मचारी एक्शन में आए। ट्रेन बुधवार दोपहर 12 बजे झांसी पहुंचते ही आरपीएफ और जीआरपी ने कोच में उपद्रवियों को पकड़ने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ। इसके बाद ट्रेन को आगे के लिए रवाना कर दिया।