Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तराखंड की सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को 17 दिनों के भारी संघर्ष के बाद मंगलवार को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। यहां सुरंग से बाहर निकाले गए मजदूर अलग-अलग इलाकों के रहने वाले हैं। बता दें कि इनमें से 5 मजदूर बिहार के रहने वाले हैं। इनमें से एक […]
Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तराखंड की सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को 17 दिनों के भारी संघर्ष के बाद मंगलवार को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। यहां सुरंग से बाहर निकाले गए मजदूर अलग-अलग इलाकों के रहने वाले हैं। बता दें कि इनमें से 5 मजदूर बिहार के रहने वाले हैं। इनमें से एक मजदूर का नाम सोनू बताया जा रहा, जो कि बिहार के छपरा जिले का रहने वाला है। सोनू की मां ने मीडिया से बातचीत करते हुए सरकार और बचाव कार्य में जुटे सुरक्षाकर्मियों को तहे दिल से शुक्रिया बोला है। इसके साथ ही उन्होंने बताया है कि उनका बेटा दो दिन बाद गांव वापस लौट आएगा।
मीडिया से बातचीत के दौरान सोनू की मां ने सबसे पहले तो सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा कि सरकार को धन्यवाद मेरे बेटे को मेरी गोद में डाल दिया। सुरंग से बाहर निकले मजदूर सोनू की मां ने आगे उन लोगों का धन्यवाद किया जो लगातार 17 दिनों से सोनू समेत बाकी के मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने की कोशिश में लगे थे। उनसे सोनू की मां ने कहा, जिन लोगों ने सभी श्रमिकों को बाहर निकाला उनका लाख-लाख शुक्रिया, वो भी मेरे बच्चे के समान हैं, जिन्होंने मेरे बच्चे को बाहर निकाला।
इसी बातचीत के बाद सोनू की मां ने आगे बताया, सुरंग से निकलने के बाद उनके बेटे सोनू से उनकी बात फोन पर हुई। उन्होंने बताया कि वो बोल रहे थे कि मम्मी मैं सुरक्षित हूं, मैं अच्छा हूं चिंता मत करो मैं आ जाऊंगा। मैं दो दिन के बाद गांव आ जाऊंगा। बता दें कि बिहार के छपरा जिले में सोनू की मां अपने बेटे के सुरक्षित बाहर निकलने से काफी खुश हैं, हालांकि अभी उन्हें अपने बेटे से मिलने के लिए शुक्रवार तक का इंतजार और करना पड़ेगा।
दरअसल, सुरंग से बाहर निकाले जाने के बाद सभी मजदूरों को चिन्यालीसौड़ में बनाए गए अस्पताल ले जाया गया। जहां पर मजदूरों को 48 घंटे तक डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है। इसके बाद ही उन्हें उनके परिजनों से मिलने भेजा जाएगा। इस दौरान अधिकारियों को आदेश दिए गए है कि अस्पताल में मजदूरों के इलाज और उनके घर जाने की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। यहां अस्पताल में इलाज का खर्चा भी उत्तराखंड सरकार उठाएगी।