पटना। राजद के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को डबल मर्डर केस में सुप्रीम कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। पिछले दिनों ही शीर्ष अदालत ने 1995 के इस मामले में उन्हें दोषी करार देते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था। बता दें कि प्रभुनाथ सिंह पर आरोप लगा था कि इन्होंने अपने मुताबिक वोट नहीं देने पर छपरा के मसरख इलाके के रहने वाले राजेंद्र राय और दरोगा राय की हत्या करवा दी थी।
सजा पर हुई बहस
मामला 1995 का है। पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह पर आरोप लगा था कि उनकी मर्जी से वोट नहीं देने पर छपरा के मसरख इलाके के रहने वाले 47 वर्षीय राजेंद्र राय और 18 वर्षीय दरोगा राय की हत्या करवा दी थी। इन दोनों ने प्रभुनाथ सिंह समर्थित प्रत्याशी को वोट नहीं दिया था। इसी डबल मर्डर मामले में पहले निचली अदालत में सुनवाई हुई। यहां से राजद नेता को रिहाई मिल गयी फिर यह मामला हाई कोर्ट में गया जहां पर निचली अदालत के फैसले को सही ठहराया गया।
भाई ने खटखटाया था SC का दरवाजा
2008 में सबूतों अभाव में निचली अदालत से प्रभुनाथ सिंह को रिहाई मिल गयी थी। 2012 में पटना हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को सही माना। इसके विरोध में राजेंद्र राय के भाई ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों की बेंच इस मामले में सुनवाई की और प्रभुनाथ सिंह के खिलाफ पर्याप्त सबूत पाया। सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है।