पटना: बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के भाई और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेहद करीबी राजद नेता और पूर्व विधान पार्षद सुनील सिंह को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। जुलाई महीने में उनकी विधान परिषद की सदस्यता रद्द कर दी गई थी. किसी भी समय हो सकती है गिरफ्तारी […]
पटना: बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के भाई और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बेहद करीबी राजद नेता और पूर्व विधान पार्षद सुनील सिंह को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। जुलाई महीने में उनकी विधान परिषद की सदस्यता रद्द कर दी गई थी.
बता दें कि उन्हें विस्कोमान के चेयरमैन पद से भी हटा दिया गया. अब उनके खिलाफ पटना सिटी कोर्ट ने वारंट जारी कर दिया है और पटना पुलिस ने उनके फ्लैट पर नोटिश चिपका दिया है. पुलिस उन्हें किसी भी वक्त गिरफ्तार कर सकती है.
यह मामला आज से 19 साल पहले 2005 का है. फतुहा थाना कांड संख्या 17/05 के तहत पटना सिटी न्यायिक दंडाधिकारी प्रतिमा कुमारी ने हाजिर होने का वारंट जारी किया था. इस मामले में धारा 906 और 420 के तहत लेनदेन में हेरफेर और धोखाधड़ी के आरोप थे. इसको लेकर कोर्ट ने सुनील कुमार सिंह को हाजिर होने के लिए कई बार वारंट जारी किए, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुए थे. इसके बाद कोर्ट ने उनके खिलाफ वारंट किया है. सुनील सिंह 2003 से लगातार विस्कोमान के अध्यक्ष बने रहे हैं और इसी दौरान 2005 में यह मामला फतुहा थाने में दर्ज किया गया था.
बता दें कि सुनील सिंह लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के बेहद करीबी में से एक रहे हैं. राबड़ी देवी उन्हें अपना भाई मानती हैं और राखी भी बांधती हैं. सुनील सिंह हमेशा लालू यादव के दुख-सुख में उनके साथ रहे हैं. उन्होंने कभी भी लालू यादव का साथ नहीं छोड़ा है. जिस वक्त राबड़ी आवास पर सीबीआई की छापेमारी हुई उस वक्त सुनील सिंह भी मौजूद थे. वे लम्बे समय तक एक सहयोगी नेता के रूप में सक्रिय रहे। वह राष्ट्रीय जनता दल के भी काफी पुराने सहयोगी रहे हैं.
सुनील सिंह पिछले दो महीने से लगातार सदमे से जूझ रहे हैं. सबसे पहले जुलाई महीने में उन्हें बिहार राज्य सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (बिस्कोमान) से बर्खास्त कर दिया गया था. इस संबंध में भारत सरकार ने एक पत्र भी जारी किया था. बिस्कोमान के पिछले निदेशक मंडल का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो गया, लेकिन अभी तक किसी बोर्ड का गठन नहीं हुआ है. वहीं, जुलाई महीने में उनकी विधान परिषद सदस्यता रद्द कर दी गई थी. आचार संहिता समिति की अनुशंसा पर सुनील कुमार सिंह की सदस्यता रद्द कर दी गयी.