पटना। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबसे भरोसेमंद सिपाही और बिहार भाजपा के सह प्रभारी सुनील ओझा का आज निधन हो गया। आज बुधवार की सुबह दिल्ली में उन्होंने अंतिम सांस ली। बताया जा रहा है कि उनके निधन की खबर से भाजपा शोक में डूब गई है। दरअसल, सुनील ओझा को भाजपा के संगठन स्तर पर मजबूती प्रदान करने वाले नेताओं में से एक माना जाता था। बताया जा रहा है कि पीएम मोदी के कहने पर ही उन्हें बिहार में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई थी। यही नहीं इसी साल मार्च में वह बिहार भाजपा के सह प्रभारी बने थ। इससे पहले वो यूपी के सह प्रभारी थे।
बीजेपी ने जताया दुख
वहीं सुनील ओझा ने निधन के बाद बिहार भाजपा की ओर से कहा गया है कि वह बिहार भाजपा के सह प्रभारी, एक कुशल संगठन कर्मी थे। आज सुनील ओझा का निधन होना अत्यंत ही दुखद है। इस खबर से समस्त भाजपा परिवार शोकाकुल है। बीजेपी ने कहा कि राजनैतिक क्षेत्र में सुनील ओझा का योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। भगवान पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और उनके परिजनों को संबल प्रदान करें।
जेपी नड्डा ने दी श्रद्धांजलि
इस दौरान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता, बिहार भाजपा के सह-प्रभारी सुनील ओझा का असामयिक निधन अत्यंत दुःखद है। जेपी नड्डा ने कहा कि सुनील ओझा का संपूर्ण जीवन जनसेवा व संगठन को समर्पित रहा। उनका इस तरह जाना भाजपा परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है। मैं शोकाकुल परिजनों के प्रति गहन संवेदना प्रकट करता हूं और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता हूं।
जमीनी नेता माने जाते थे सुनील ओझा
दरअसल, सुनील ओझा मूल रूप से गुजरात के भावनगर जिले के रहने वाले थे। उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी नेताओं में से एक माना जाता था। बता दें कि सुनील ओझा भावनगर दक्षिण से बीजेपी के विधायक भी रहे थे। यही नहीं सुनील ओझा के बिहार का सह प्रभारी बनने के बाद राजनीतिक गलियारों में काफी हलचल मच गई थी। जिस समय नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे उस समय से सुनील ओझा उनके साथी थे। यही नहीं उनके बेहतरीन रिकॉर्ड को देखते हुए ही उन्हें बिहार भाजपा का सह प्रभारी बनाया गया था।