पटना। बिहार में पकड़ौआ विवाह को रद्द करने वाले पटना हाई कोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। दरअसल पति की याचिका पर सुनवाई करते हुए नवंबर 2023 में पटना हाई कोर्ट ने फैसले में अग्नि के समक्ष सात फेरे पूरे नहीं होने के आधार पर शादी को क़ानूनी रूप से […]
पटना। बिहार में पकड़ौआ विवाह को रद्द करने वाले पटना हाई कोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। दरअसल पति की याचिका पर सुनवाई करते हुए नवंबर 2023 में पटना हाई कोर्ट ने फैसले में अग्नि के समक्ष सात फेरे पूरे नहीं होने के आधार पर शादी को क़ानूनी रूप से अमान्य बताया था।
शुक्रवार को दुल्हन की अपील पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की हिमा कोहली और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने पटना हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी। साथ ही इसपर नोटिस जारी किया है।दरअसल पटना हाईकोर्ट ने शादी रद्द करते हुए कहा था कि किसी महिला की मांग में जबरन सिंदूर लगाने से शादी नहीं हो जाती। हिंदू कानून के तहत शादी तब तक वैध नहीं है जब तक वह स्वैच्छिक न हो और ‘सप्तपदी’ यानी सात फेरों की रस्म न हो।
बता दें कि पटना हाईकोर्ट के जस्टिस पीबी बजंथ्री और जस्टिस अरुण कुमार झा ने 10 साल पहले हुए एक पकड़ौआ विवाह के मामले की सुनवाई करते हुए ये बातें कही थीं। साथ ही ऐसी शादी को अमान्य बताया था। नेशनल क्राइम ब्यूरो के मुताबिक साल 2021 में 450 लड़कों का अपहरण शादी के लिए किया गया। 1970 के दशक में बढ़ा ये ट्रेंड अब तक जारी है। पहले के समय में 90 फीसदी से ज्यादा शादी सफल हो जाती थी हालांकि अब शादी असफल होने का ग्राफ अचानक से बढ़ा है।