पटना: बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने बिहार के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर 15 मार्च तक बिहार में शिक्षक नियुक्ती को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाती है तो वो सदन से सड़क तक आंदोलन के लिए बाध्य होंगे. इस बात की जानकारी […]
पटना: बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने बिहार के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर 15 मार्च तक बिहार में शिक्षक नियुक्ती को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाती है तो वो सदन से सड़क तक आंदोलन के लिए बाध्य होंगे. इस बात की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि अगर नीतीश-तेजस्वी गठबंधन शिक्षक नियुक्ति के लिए कोई कदम नहीं उठाती है तो वो आने वाले दिनों में सदन से सड़क तक आंदोलन के लिए मजबूर होंगे.
सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन
शिक्षक नियुक्ति में हो रही देरी को लेकर संजय जायसवाल काफी नाराज दिखे. संजय जायसवाल ने भाजपा कार्यालय में इसको लेकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि लोगों से जो वादें किए गए हैं उन्हें पूरा किया जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर राजद-जदयू गठबंधन वाली सरकार इसका कोई निदान नहीं निकाल पाती है तो हम इसके एवज में अपना विरोध दर्ज कराएंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि बिहारी होने के नाते हमारी यह जिम्मेदारी है कि राज्य में शैक्षणिक व्यवस्था पूर्ण हो.
नीतीश झूठे हैं
इस दौरान वो नीतीश और उनके कैबिनेट पर जमकर निशाना साधते. उन्होंने कहा कि बिहार के शिक्षा मंत्री तो पहले से ही मांसिक विकलांग है ही अब मुख्यमंत्री भी झूठे हो गए हैं. संजय जायसवाल ने कहा कि एक ओर शिक्षा मंत्री कहते हैं कि मैंने नौकरी पर दस्तखत कर दिया है. वहीं, दूसरी ओर मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर युवाओं को बरगला रहे हैं. इस दौरान उन्होंने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि नीतीश कुमार जब एनडीए में थे तब उन्होंने शिक्षक भर्ती के लिए कहा था, जिसके बाद से भारतीय जनता पार्टी ने 1 लाख से अधिक लोगों को नौकरी देने की प्लान भी तैयार की थी, लेकिन आप तो बजट ही नहीं पास कर रहे हैं तो फिर नौकरी कैसे दी जाएगी.
भाजपा के दरवाजे बंद
साथ ही इस दौरान उन्होंने अमित शाह की बात दोहराते हुए कहा कि अब नीतीश कुमार के लिए भाजपा के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो गए हैं. नीतीश के वापस एनडीए में आने के प्रशन पर संजय जायसवाल ने कहा कि जब अमित शाह ये बोल चुके हैं कि नीतीश कुमार के लिए भाजपा के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो चुके हैं तो फिर वापस उनके भाजपा में आने का कोई सवाल ही नहीं बनता है.