पटना। देश भर में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का बड़ा एक्शन देखने को मिल रहा है. ऐसे में पिछले कई दिनों से बिहार में भी ईडी ने कई लोगों की नींद उड़ा दी है। बता दें कि ED अधिकारियों ने शनिवार (9 मार्च) देर रात अवैध बालू कारोबार से जुड़े और RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव […]
पटना। देश भर में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का बड़ा एक्शन देखने को मिल रहा है. ऐसे में पिछले कई दिनों से बिहार में भी ईडी ने कई लोगों की नींद उड़ा दी है। बता दें कि ED अधिकारियों ने शनिवार (9 मार्च) देर रात अवैध बालू कारोबार से जुड़े और RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के नजदीकी माने जाने वाले सुभाष यादव को गिरफ्तार कर लिया है.
ED की टीम ने सुभाष यादव की गिरफ्तारी से पहले कई ठिकानों पर छापेमारी की थी. इस मामले पर भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सुभाष जैसे लोग RJD की मनी लॉन्ड्रिंग मशीन हैं.
बता दें कि ED ने सुभाष यादव के करीब 8 ठिकानों पर कार्रवाई की. शनिवार यानी 9 मार्च को सुभाष यादव के ठिकानों पर हुई छापेमारी 16 घंटे तक जारी रही। तमाम मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ED की टीम को दानापुर स्थित सुभाष यादव के आवास से दो करोड़ कैश व कई संपत्ति होने के दस्तावेज ED के हाथ लगे हैं. वहीं सुभाष यादव की गिरफ्तारी ED ने राजधानी पटना से की है. यादव को आज यानी रविवार को ही अदालत में पेशी किया गया है. अब उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.
RJD नेता सुभाष यादव की गिरफ्तारी पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने तंज कसते हुए कहा कि सुभाष यादव समेत दर्जन-भर लोग लालू प्रसाद के लिए मनी लॉन्ड्रिंग मशीन हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘बालू माफिया सुभाष यादव, अरुण यादव, भोला यादव, पूर्व विधायक अबू दोजाना और शराब-कारोबारी विनोद जायसवाल जैसे दर्जन-भर लोग लालू-राबड़ी परिवार की बेनामी सम्पत्ति और कालेधन के लिए वाशिंग मशीन का काम करते हैं.’
बीजेपी नेता सुशील मोदी ने इस मामले पर आगे कहा कि सुभाष यादव के ठिकानों पर ED की टीम पहुंची. उन्होंने 13 जून 2017 को एक ही दिन में राबड़ी देवी के तीन फ्लैट 1 करोड़ 72 लाख रुपये में खरीद लिये थे. यह डील राबड़ी देवी की सम्पत्ति को जांच एजेंसियों के रडार से बाहर रखने की नीयत से हुई थी. उन्होंने कहा कि RJD ने 2019 के संसदीय चुनाव में सुभाष यादव को चतरा से टिकट दिया था. इनकी ब्राडसन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी सहित तीन कंपनियों को लालू प्रसाद और प्रेमचंद गुप्ता का संरक्षण प्राप्त है.