पटना : आरक्षण के अंदर कोटा को लेकर एनडीए में सबकुछ ठीक नहीं दिख रहा है। आरक्षण के मुद्दे को लेकर एनडीए के दो दिग्गज मंत्री आमने-सामने दिख रहे हैं। लोजपा सुप्रीमों चिराग पासवान ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर सवाल खड़ा किया तो दूसरी तरफ हम पार्टी के मुखिया जीतनराम मांझी ने उच्च […]
पटना : आरक्षण के अंदर कोटा को लेकर एनडीए में सबकुछ ठीक नहीं दिख रहा है। आरक्षण के मुद्दे को लेकर एनडीए के दो दिग्गज मंत्री आमने-सामने दिख रहे हैं। लोजपा सुप्रीमों चिराग पासवान ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर सवाल खड़ा किया तो दूसरी तरफ हम पार्टी के मुखिया जीतनराम मांझी ने उच्च न्यायालय के फैसले का दिल खोल कर स्वागत किया और तो और उन्होंने चिराग पासवान को स्वार्थी तक कह दिया।
इस दौरान जीतनराम मांझी ने आगे कहा कि भुइयां, मुसहर,मेहतर, डोम जाती के जो लोग हैं उनमें से कितने फीसदी लोग आईपीएस, आईएएस, चीफ इंजीनियर और इंजीनियर हैं। जो लोग आज क्षोभ दिखा रहे हैं उनके ही लोग आरक्षण का फायदा उठा रहे हैं। इसके मतलब है कि अनुसूचित जाति (SC) का हक भी वही लोग उठा रहे हैं। 76 साल से तो वे लोग इसका लाभ उठा ही रहे हैं।
बता दें कि कोटा के अंदर कोटा पर चिराग पासवान ने आपत्ति व्यक्त की है। इस मामले को लेकर चिराग ने कहा कि आरक्षण दलितों के साथ भेदभाव को देखते हुए दिया गया था। पहले के समय में दलितों को मंदिरों में पूजा-पाठ नहीं करने दिया जाता था। न ही घोड़ी चढ़ने दिया जाता है। इस बीच चिराग पासवान के बयान के बाद जीतनराम मांझी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर बयान दिया, जिससे सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को झटका लगा है। उन्होंने कहा कि जो लोग आगे बढ़ गए है वो आगे बढ़ते रहे। और जो लोग पिछड़ गए हैं उनके बारे में सोचा जाए। इसलिए हम हर स्थिति में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। इस दौरान उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला आया है वह आज से दस साल पहले आना चाहिए था।