पटना। देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित किए जा चुके हैं। तीन राज्यों में कांग्रेस की करारी हार के बाद अब नीतीश कुमार को पीएम उम्मीदवार बनाने की मांग की जा रही है। ऐसे में लालू यादव और उनकी पार्टी के अन्य नेताओं की तरफ से नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री बनने […]
पटना। देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित किए जा चुके हैं। तीन राज्यों में कांग्रेस की करारी हार के बाद अब नीतीश कुमार को पीएम उम्मीदवार बनाने की मांग की जा रही है। ऐसे में लालू यादव और उनकी पार्टी के अन्य नेताओं की तरफ से नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री बनने के दावों की पोल खोलते हुए जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा कि लालू यादव और RJD के नेता सिर्फ बड़बोले लोग हैं। उन्होंने कहा कि अब आप राजद की स्थिति को देख लीजिए कि पूरे लोकसभा में 543 में से इस पार्टी के जीरो सांसद हैं।
दरभंगा के बहादुरपुर प्रखंड में पत्रकार वार्ता में प्रशांत किशोर ने कहा कि लालू यादव अपने घर में बैठते हैं और चार पत्रकारों को बुलाकर तय करते हैं कि कौन देश का प्रधानमंत्री बनेगा? जिस पार्टी के जीरो एमपी हैं और वो तय कर रहा है कि देश का प्रधानमंत्री कौन होगा? 2015 में तो हम ही लालू यादव और नीतीश कुमार को साथ लेकर आए थे। हम बखूबी जानते हैं कि वे एक दूसरे को कितना प्यार करते हैं। नीतीश कुमार को लालू यादव और तेजस्वी यादव से कोई प्यार नहीं है। लालू यादव नीतीश कुमार को रोज इसलिए दिल्ली के लिए चढ़ा रहे हैं कि बिहार खाली हो तो हमारा बेटा मुख्यमंत्री बने। वहीं नीतीश कुमार उनके साथ इसलिए हैं कि कुर्सी बची रहे और कुर्सी तब छूटे जब मेरी तारीख खत्म हो जाए। इससे लोग कहेंगे कि भाई! कुछ भी कहिए नीतीश कुमार कितने भी खराब थे, इनसे अच्छे थे।
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि नीतीश कुमार ऐसे आदमी हैं कि बिहार की जनता ने उनके 42 विधायक जिताए हैं। वो इसी जनता को सबक सिखाने के लिए लालू यादव के जंगलराज को वापस लाने का प्रयास कर रहे हैं। जंगलराज वापस आ जाएगा तो लोग कहेंगे कि बेकार में ही नीतीश कुमार को हटाए, वही अच्छे थे। अगर इनसे बुरी सरकार आ जाए, तभी तो लोग नीतीश कुमार के बारे में अच्छा कहेंगे। मान लीजिए कि कोई अच्छी सरकार बिहार में आ जाए, तो लोग कहेंगे कि अच्छा हुआ कि नीतीश कुमार से जान छूटी और बिहार की तरक्की शुरू हुई। वहीं अगर इनसे भी खराब सरकार आ जाए तो कितना भी नीतीश कुमार खराब थे लेकिन इनसे तो बेहतर थे।