पटना: बिहार में एक और पार्टी का आधिकारिक तौर पर घोषणा होने जा रहा है. जन सुराज अभियान 2 अक्टूबर 2024 को नयी पार्टी का रूप ले लेगा. जनसुराज के सूत्रधार पीके की तरफ से इसकी पूरी तैयारी चल रही है. इस दौरान जन सुराज के सूत्रधार ने आज बुधवार को एक और बड़ी घोषणा […]
पटना: बिहार में एक और पार्टी का आधिकारिक तौर पर घोषणा होने जा रहा है. जन सुराज अभियान 2 अक्टूबर 2024 को नयी पार्टी का रूप ले लेगा. जनसुराज के सूत्रधार पीके की तरफ से इसकी पूरी तैयारी चल रही है. इस दौरान जन सुराज के सूत्रधार ने आज बुधवार को एक और बड़ी घोषणा की है. यह जन सुराज के संविधान से संबंधित है. पीके ने ऐलान करते हुए कहा है कि जन सुराज देश की पहली ऐसी दल होगी जो अपने संविधान में ‘राइट टू रिकॉल’ यानी चुने हुए प्रतिनिधि को वापस बुलाने का प्रावधान जोड़ेगी.
हालंकि, पार्टी बनने से पहले पीके राज्य भर के अलग-अलग जिलों में पहुंचकर लोगों की समस्या को सुन रहे हैं। इस दौरान पीके अपनी पार्टी जन सुराज की रूपरेखा पर भी चर्चा कर रहे हैं. इसके साथ ही वे यह भी कह रहे हैं कि जन सुराज किस प्रकार से अन्य सियासी दलों से अलग और बेहतर ऑप्शन होगा. ऐसे में पीके ने साफ तौर पर कह दिया है कि जन सुराज अपने संविधान में यह प्रावधान लाने जा रहा है, जिससे प्रदेश की जनता को अपने चुने हुए नेताओं को उनके कार्यकाल के आधे वक्त यानी 30 माह के बाद हटाने का हक रख सकेगी.
बता दें कि जनसुराज के शुत्रधार प्रशांत किशोर ने ‘राइट टू रिकॉल’ को लेकर कहा कि हम जन सुराज के संविधान में यह बात जोड़ रहे हैं कि जो भी उम्मीदवार जन सुराज से जीतता है लेकिन किसी कारन से वह जनता की भरोषा पर खरा नहीं उतरता है तो प्रदेश की जनता के पास यह ऑप्शन होगा कि जनता उसके विरोध में अविश्वास प्रस्ताव पारित कर सकती है. इस प्रस्ताव के तहत अगर एक निश्चित फीसदी वोटर्स अपने प्रतिनिधि के विरोध अविश्वास प्रस्ताव लाते हैं तो पार्टी उस उम्मीदवार को इस्तीफा देने पर मजबूर करेगा।