पटना: बिहार के छपरा, सिवान और सारण जिले के गांवों में जहरीली शराब के कारण 26 लोगों की जान जा चुकी है। प्रशासन ने अब तक सीवान में 16 और सारण में 6 लोगों की मौत की पुष्टि की है. सीवान में मौतों का ये सिलसिला 14 अक्टूबर को शुरू हुआ. सारण में मरने वाले सभी लोगों ने शराब पी थी. 44 लोगों की स्थिति नाजुक बताई जा रही है.
कई लोगों की गई आंखों की रोशनी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शराब के कारण अब तक 7 लोगों की आंखों की रोशनी जा चुकी है. 34 लोगों का इलाज सीवान के सदर अस्पताल में चल रहा है जबकि 1 व्यक्ति छपरा अस्पताल में भर्ती है. सारण में भर्ती कुछ गंभीर लोगों को पटना के PMCH रेफर किया गया है.
2 सुरक्षाकर्मी सस्पेंड
मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस के आला अधिकारियों ने छपरा के मसरख थाने के चौकीदार महेश राय और एएसआई रामनाथ झा को सस्पेंड कर दिया है. थाना प्रभारी और एसआई को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. अब सारण पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए 8 लोगों को हिरासत में लिया है. आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एसआईटी टीम का गठन किया गया है.
17 डेड बॉडी का किया गया पोस्टमॉर्टम
मामले में पुलिस ने बताया कि 13 अक्टूबर को सीवान के भगवानपुर इलाके से कई लोगों ने शराब लाकर पी थी. कई सप्लायर्स ने शराब की होम डिलीवरी की. बता दें कि सीवान में 17 डेड बॉडी का पोस्टमॉर्टम किया गया. परिवार वालों ने पुलिस को सूचना दिए बिना ही कुछ लोगों का अंतिम संस्कार कर दिया.
मामले पर राजनीति शुरू
वहीं इस घटना के बाद प्रदेश भर में राजनीति शुरू हो चुकी है। शराब कांड के बाद मद्य निषेध मंत्री रत्नेश सादा ने अपने ही अधिकारियों को कटघरे में खड़ा कर दिया है. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में प्रशासन की कोई विफलता नहीं है, लेकिन इसके बावजूद थानेदार पर कार्रवाई की गयी. मंत्री ने कहा कि सरकार इस मामले में सीसीए लगाने की तैयारी कर रही है. हालांकि इस मामले की जांच के लिए SIT की टीम बनाई गई है।
राजद ने बताया सरकार की विफलता
राजद ने कहा कि यह पहली घटना नहीं है जब जहरीली शराब से मौत हुई हो. हर बार इस मामले में सरकार की नाकामी सामने आती है. कार्रवाई के नाम पर पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया जाता है.