पटना: हथियार लाइसेंस पर पटना हाईकोर्ट ने एक और फैसला सुनाया है. अपने एक अहम फैसले में उन्होंने यह साफ कर दिया है कि किस आधार पर हथियार के आवेदन को खारिज नहीं किया जा सकता. खगड़िया में पेट्रोल पंप की सुरक्षा के लिए हथियार लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले सेवानिवृत्त सैनिक की याचिका […]
पटना: हथियार लाइसेंस पर पटना हाईकोर्ट ने एक और फैसला सुनाया है. अपने एक अहम फैसले में उन्होंने यह साफ कर दिया है कि किस आधार पर हथियार के आवेदन को खारिज नहीं किया जा सकता. खगड़िया में पेट्रोल पंप की सुरक्षा के लिए हथियार लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले सेवानिवृत्त सैनिक की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश ने डीएम के आदेश को गलत बताया. कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि शस्त्र लाइसेंस जारी करने के लिए किस आधार पर मूल्यांकन की आवश्यकता होनी चाहिए।
इस मामले की सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने कहा कि सिर्फ जान को खतरा होने के आधार पर हथियार लाइसेंस के आवेदन को खारिज नहीं किया जा सकता. न्यायमूर्ति मोहित कुमार शाह की एकल पीठ ने रंजन कुमार मंडल की रिट याचिका को स्वीकार करते हुए यह फैसला दिया. यह केंद्र सरकार के नए हथियार नियमों के खिलाफ है. आवेदक के पेशे और व्यवसाय का मूल्यांकन करना महत्वपूर्ण है जिसकी सुरक्षा के लिए हथियार आवश्यक है।
बता दें कि इसी साल अक्टूबर महीने में भी पटना हाई कोर्ट ने हथियार लाइसेंस से जुड़े एक मामले में अहम फैसला सुनाया था. एक मामले की सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि किसी का हथियार लाइसेंस सिर्फ इस आधार पर रद्द नहीं किया जा सकता कि उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. सुपौल डीएम ने एक शख्स का हथियार लाइसेंस रद्द कर दिया है. उसी आदेश के खिलाफ कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया था.