पटना: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस अचानक राज्य के सियासी गलियारों में सुर्खियों में आ गए हैं. उनके बदले हुए रुख से ऐसा लग रहा है कि बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. दरअसल, पशुपति पारस की राजद सुप्रीमो लालू यादव से नजदीकियों की खूब […]
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस अचानक राज्य के सियासी गलियारों में सुर्खियों में आ गए हैं. उनके बदले हुए रुख से ऐसा लग रहा है कि बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. दरअसल, पशुपति पारस की राजद सुप्रीमो लालू यादव से नजदीकियों की खूब चर्चा है. लोकसभा चुनाव के बाद से राजनीतिक परिदृश्य से गायब चल रहे पशुपति पारस के लिए लालू यादव ने रीढ़ की हड्डी का काम किया है. अब कयास लगाए जा रहे हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव में लालू और पारस का गठबंधन देखने को मिलेगा. इसी सिलसिले में पशुपति पारस आज (रविवार, 19 जनवरी) अचानक लालू यादव से मिलने पहुंचे.
हालांकि दोनों नेताओं के बीच काफी देर तक बातचीत हुई. इससे पहले लालू यादव 15 जनवरी को पशुपति पारस के बुलावे पर उनके दफ्तर पहुंचे थे. उस दौरान लालू यादव ने संकेत दिया था कि पशुपति पारस भविष्य में महागठबंधन का हिस्सा बन सकते हैं. पिछले एक हफ्ते में यह उनकी दूसरी मुलाकात है, जो 10 सर्कुलर रोड स्थित राबड़ी आवास के अंदर हो रही है. इस मौके पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी मौजूद हैं.
बता दें कि वो इस बात से नाराज हैं कि एनडीए में पशुपति पारस की जगह चिराग पासवान को तरजीह दी गई. हालांकि, लोकसभा चुनाव के बाद भी वह एनडीए में बने रहे. इस दौरान नीतीश सरकार ने वह बंगला भी छीन लिया जिसमें उनकी पार्टी का कार्यालय था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह बंगला भी चिराग पासवान की पार्टी को सौंप दिया. अब पारस लालू यादव से मिलने पहुंचे हैं. इस मुलाकात से राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है. माना जा रहा है कि पारस एनडीए को बड़ा झटका दे सकते हैं.