पटना: आनंद मोहन की रिहाई पर एआईएमआईएम (AIMIM) चीफ असद्दुदीन ओवैसी ने निशाना साधते हुए सरकार के फैसले पर सवाल खड़ा किया है. उन्होंने कहा कि सरकार का यह फैसला दूसरी बार जी. कृष्णैया की हत्या जैसा है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस मामले पर आईएएस एसोसिएशन भी चुप है. उन्होंने कहा कि […]
पटना: आनंद मोहन की रिहाई पर एआईएमआईएम (AIMIM) चीफ असद्दुदीन ओवैसी ने निशाना साधते हुए सरकार के फैसले पर सवाल खड़ा किया है. उन्होंने कहा कि सरकार का यह फैसला दूसरी बार जी. कृष्णैया की हत्या जैसा है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस मामले पर आईएएस एसोसिएशन भी चुप है. उन्होंने कहा कि जिस वक्त उनकी हत्या हुई थी, क्या उस वक्त लालू यादव की सरकार नहीं थी? क्या उन्होंने उनकी पत्नी से मुलाकात किया? इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अब कौन अधिकारी अपना जान जोखिम में डालने जाएगा?
जी. कृष्णैया की पत्नी ने क्या कहा ?
दिवंगत आईपीएस अधिकारी जी. कृष्णैया की पत्नी ने कहा कि नीतीश कुमार की सरकार ने जो फैसला लिया है वो गलत है. उनके इस फैसले से समाज में गलत प्रभाव पड़ रहा है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वो आनंद मोहन की रिहाई का विरोध करेंगी और उन्हें वापस जेल भेजने की मांग करेंगी. उन्होंने कहा कि सीएम को इन चीजों का बढ़ावा नहीं देना चाहिए.
आज सुबह मिली रिहाई
16 साल बाद पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह की आज जेल से रिहाई हो गई है. आनंद मोहन सिंह को आज सुबह 4:30 बजे सहरसा जेल से रिहा कर दिया गया. बताया जा रहा है कि भीड़ जमा होने की आशंका की वजह से आनंद मोहन सिंह को सुबह साढ़े चार बजे ही रिहा कर दिया गया. मिली जानकारी के अनुसार बीती रात ही उनकी रिहाई से जुड़ी सारी कागजी प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी.
सक्रिय राजनीति में होंगे शामिल?
कयास लगाए जा रहे हैं कि रिहाई के बाद आनंद मोहन सिंह सक्रिय राजनीति में एक बार फिर से शामिल हो सकते हैं. कोसी क्षेत्र और राजपूतों में आनंद मोहन की खास पैठ है, इसके मद्देनजर वो आगामी चुनाव में अपना चुनावी पत्ता खोल सकते हैं. आनंद मोहन की रिहाई के बाद होने वाला शक्ति प्रदर्शन भी आगामी चुनाव को देखते हुए राजनीति में उनका कद और बाहुबल साबित करने का जरिया हो सकता है. आनंद मोहन की ओर से अभी तक ऐसा कोई इशारा नहीं किया गया है कि अगर वो सक्रिय राजनीति का हिस्सा होंगे तो किसके खेमे में दिखेंगे, लेकिन जहां तक संभव है वो महागठबंधन में शामिल हो सकते हैं.