CBSE स्कूलों में उर्दू पढ़ाने का फरमान तो मचा बवाल, बीजेपी नेता ने कर दी गायत्री मंत्र के पाठ की मांग

पटना: बिहार के किशनगंज जिले के निजी विद्यालयों में उर्दू पढ़ाने का फरमान जारी किया गया. जिला शिक्षा पदाधिकारी नासिर हुसैन ने सीबीएसई से जुड़ी सभी निजी स्कूलों को यह पत्र जारी किया है. आदेश में कहा गया है कि चूंकि किशनगंज मुस्लिम बहुल जिला है, इसलिए यहां के निजी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों […]

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CBSE स्कूलों में उर्दू पढ़ाने का फरमान तो मचा बवाल, बीजेपी नेता ने कर दी गायत्री मंत्र के पाठ की मांग

Shivangi Shandilya

  • January 1, 2025 12:05 pm IST, Updated 3 days ago

पटना: बिहार के किशनगंज जिले के निजी विद्यालयों में उर्दू पढ़ाने का फरमान जारी किया गया. जिला शिक्षा पदाधिकारी नासिर हुसैन ने सीबीएसई से जुड़ी सभी निजी स्कूलों को यह पत्र जारी किया है. आदेश में कहा गया है कि चूंकि किशनगंज मुस्लिम बहुल जिला है, इसलिए यहां के निजी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को उर्दू पढ़ने का मौका मिलना चाहिए. इस आदेश के बाद जिले के स्कूल संचालकों में काफी आक्रोश है।

बैठक में उठा था मुद्दा

बता दें कि जिला शिक्षा पदाधिकारी की ओर से जारी पत्र में लिखा गया है कि जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में कांग्रेस विधायक इजहारुल हुसैन और सांसद डॉ. जावेद आजाद ने निजी स्कूलों में उर्दू नहीं पढ़ाये जाने का मुद्दा उठाया था. उनका कहना है कि इस जिले में मुस्लिमों की संख्या अधिक है. उसी बैठक की कार्यवाही के लिए सभी स्कूलों को यह आदेश दिया गया है.

उर्दू पढ़ाने के लिए व्यवस्था करें- नासिर हुसैन

“सीबीआई बोर्ड से पंजीकृत जिले में चल रहे सभी निजी विद्यालय छात्रों को उर्दू की पढ़ाई के लिए आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करें और अनुपालन रिपोर्ट बिहार शिक्षा परियोजना कार्यालय को उपलब्ध कराएं।” -नासिर हुसैन, जिला शिक्षा पदाधिकारी।

बयानबाजी शुरू

इस मामले में अब प्रदेशभर में साम्प्रदायिक बयानबाजी शुरू हो चुकी है। इस बीच भाजपा जिला अध्यक्ष सुशांत गोप ने कहा कि CBSE स्कूलों में उनके दिए गए नियमों के अनुसार ही पढ़ाई होनी चाहिए। आगे कहा कि अगर जबरदस्ती स्कूलों में उर्दू पढ़ाने का दबाब बनाया जाएगा तो बीजेपी विरोध करेगी और प्रार्थना में गायत्री मंत्र के पाठ की मांग करेंगे.

उर्दू पढ़ाने की व्यवस्था करना संभव नहीं

इस संबंध में बाल मंदिर विद्यालय के सचिव त्रिलोकचंद जैन ने बताया कि दो-चार बच्चों के लिए अलग से उर्दू पढ़ाने की व्यवस्था करना संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर आप बच्चों को उर्दू पढ़ाना चाहते हैं तो इसके लिए एक अलग स्कूल खोलें. बाल मंदिर विद्यालय के सचिव त्रिलोकचंद जैन ने कहा कि यह कोई सरकारी निर्देश नहीं है.

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