पटना। बिहार सरकार के मंत्री संजय कुमार झा ने सीएम नीतीश कुमार और राहुल गांधी के बीच हुई फोन कॉल का खंडन किया है। उनका कहना है कि ऐसी कोई बात नहीं है। इंडिया गठबंधन में नीतीश कुमार ने कोई नाराजगी नहीं दिखाई है। संजय झा ने शुक्रवार को पटना में पत्रकारों से इंडिया गठबंधन […]
पटना। बिहार सरकार के मंत्री संजय कुमार झा ने सीएम नीतीश कुमार और राहुल गांधी के बीच हुई फोन कॉल का खंडन किया है। उनका कहना है कि ऐसी कोई बात नहीं है। इंडिया गठबंधन में नीतीश कुमार ने कोई नाराजगी नहीं दिखाई है। संजय झा ने शुक्रवार को पटना में पत्रकारों से इंडिया गठबंधन के विषय में बातचीत की।
मंत्री संजय कुमार झा ने बताया कि 19 दिसंबर को दिल्ली में इंडिया गठबंधन की सवा 3 घंटे मीटिंग चली। इस मीटिंग में नीतीश कुमार ने दो बातें प्रमुखता से रखी थीं। पहली यह कि सीट शेयरिंग के मसले को जितनी जल्दी हो फाइनल कर लिया जाए। सीट शेयरिंग हरेक स्टेट का अपना अपना डायनमिक्स है। नीतीश कुमार ने एक टाइम फ्रेम दिया है कि जनवरी तक हरेक स्टेट को लेकर सीट शेयरिंग फाइनल कर लीजिए। उसके बाद चुनाव अभियान या कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाकर हम लोग क्या नैरेटिव लोगों के बीच में देंगे यह तय कर लिया जाना चाहिए। ये तय करने के बाद ही हम लोग लोकसभा चुनाव में जाएंगे। वहीं पूरी मीटिंग खत्म होने के बाद तय हुआ कि कुछ लोग मीडिया को ब्रीफ करेंगे। इसके बाद नीतीश कुमार कुमार सबको नमस्ते करके वहां से निकले।
संजय झा ने राहुल गांधी और नीतीश कुमार की फोन पर हुई बातचीत के सवाल पर कहा कि यह उनके नॉलेज में नहीं है। यह बात बिल्कुल सच है कि इंडिया गठबंधन के सूत्रधार नीतीश कुमार हैं। जो लोग एक साथ बैठने के लिए तैयार नहीं थे, उन्हें नीतीश कुमार ने साथ लाया। नीतीश कुमार ने कभी भी नहीं कहा कि वह किसी पद की इच्छा रखते हैं। नीतीश कुमार की बस यही इच्छा है कि कैसे हरेक सीट पर विपक्ष का केवल एक उम्मीदवार हो। कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है इसलिए उसे ही सारी चीजों को देखना चाहिए। नीतीश कुमार का उद्देश्य तो पूरा हो गया है।
इसके अलावा संजय झा ने कहा जेडीयू में कभी भी जाति देखकर पद नहीं दिया गया। जेडीयू ऐसी पार्टी है जिसमें हरेक समाज और धर्म के लोग हैं। नीतीश कुमार काम करने वालों को पूरी छूट देते हैं। संजय झा ने कहा कि जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को बदले जाने को लेकर कोई बात ही नहीं है। उन्होंने कहा कि पार्टी में पद की एक समय सीमा होती है, इसी को ध्यान में रखकर जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक दिल्ली में बुलाई गई है।